Tuesday, April 29, 2025
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डिग्रियां मिलते ही भावी दंत चिकित्सकों के खिले चेहरेके.डी. डेंटल कॉलेज में हर्षोल्लास से मना दीक्षांत समारोह137 यूजी तथा पीजी छात्र-छात्राओं को प्रदान की डिग्रियां

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में उत्साह और उमंग के बीच शनिवार शाम हुए दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री अवॉर्डी प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा, प्रो. (डॉ.) शालीन चंद्रा, प्रो. (डॉ.) ओमकार शेट्टी, चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी आदि ने जैसे ही बीडीएस तथा एमडीएस के छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान कीं भावी दंत चिकित्सकों के चेहरे खुशी से झूम उठे। दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ मां सरस्वती वंदना के बाद अतिथियों द्वारा विद्या की आराध्य देवी की पूजा-अर्चना कर किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने भावी दंत चिकित्सकों से निःस्वार्थ सेवा के माध्यम से राष्ट्र कल्याण के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया तथा जीवन में उतार-चढ़ाव को सामान्य तरीके से लेने की सलाह दी। डॉ. वर्मा ने कहा कि सेवा का उद्देश्य करियर के विकास के लिए तैयार होने में मदद करेगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से समय प्रबंधन के प्रति सचेत रहने की सलाह दी। उन्होंने सभी युवा स्नातकों को बधाई दी तथा उन्हें अपने जीवन में नैतिक, मानवीय और समर्पित होने के लिए प्रेरित किया।
प्रो. (डॉ.) शालीन चंद्रा, डीन, डेंटल फैकल्टी, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ तथा प्रो. (डॉ.) ओमकार शेट्टी, डीन, एसजीटी डेंटल साइंसेज, गुरुग्राम ने भी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। प्रो. (डॉ.) शालीन चंद्रा ने अपने संदेश में कहा कि भारतीय दंत चिकित्सा पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुकी है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं अपनी इस शिक्षा का उपयोग बिना किसी भेदभाव के पूरी मानवता के साथ करें। जो लोग ईमानदारी से सेवाभाव के साथ काम करते हैं, उन्हें जीवन में सफलता अवश्य मिलती है। डॉ. चंद्रा ने कहा कि दंत चिकित्सा पेशा बहुत शानदार पेशा है लिहाजा हमेशा सक्रिय रूप से सीखने में संलग्न रहें।
प्रो. (डॉ.) ओमकार शेट्टी ने छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र बदलाव के दौर से गुजर रहा है लिहाजा हमें अपने आपको हमेशा अपडेट रखना चाहिए। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं से जीवन में सेवाभाव को मूलमंत्र मानने की सलाह दी। दीक्षांत समारोह में 120 यूजी तथा 17 पीजी सहित कुल 137 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं।
डॉ. अजय नागपाल, डॉ. अतुल सिंह, डॉ. विनय मोहन आदि ने स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान कर उनकी हौसलाअफजाई की। डॉ. रामबल्लभ उपाध्याय ने जहां मुख्य अतिथि का परिचय दिया वहीं डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी, डॉ. श्रेय और डॉ. सुषमा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. नवप्रीत कौर ने भावी दंत चिकित्सकों को सेवाभाव की शपथ दिलाई। दीक्षांत समारोह की सफलता में डॉ. सिद्धार्थ, सिसोदिया, डॉ. अनुज गौर, डॉ. अनुश्री, डॉ. मनीष भल्ला, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जुही, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, स्टूडेंट क्वार्डिनेटर मनीष मिश्रा आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अंत में डॉ. उमेश चंद्रा ने सभी का आभार माना।
चित्र कैप्शनः मुख्य अतिथि पद्मश्री अवॉर्डी प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा से उपाधि ग्रहण करती पीजी छात्रा साथ में हैं प्रो. (डॉ.) शालीन चंद्रा, प्रो. (डॉ.) ओमकार शेट्टी, चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी। दूसरे चित्र में उपाधियां मिलने के बाद प्रसन्नता व्यक्त करते छात्र-छात्राएं।

छात्र-छात्राएं पढ़ें और अन्य गतिविधियों में भी दिखाएं कौशलः डॉ. अभिषेक सिंह भदौरियापारितोषिक वितरण के साथ जी.एल. बजाज में तूनव फेस्ट-2025 का समापन

मथुरा। शनिवार शाम जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा की युवा तरुणाई के लिए उत्साह और उमंग का पैगाम लेकर आई। लगभग 60 प्रतियोगिताओं के विजेता तथा उप विजेता छात्र-छात्राओं को करतल ध्वनि के बीच पुरस्कृत करने के साथ ही दो दिवसीय तूनव फेस्ट-2025 का समापन हो गया। मुख्य अतिथि डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया निदेशक राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट तथा प्रो. नीता अवस्थी निदेशक जीएल बजाज ने विजेता, उप-विजेता छात्र-छात्राओं को मेडल, प्रशस्ति-पत्र, ट्रॉफी तथा नगद प्रोत्साहन राशि देकर हौसलाअफजाई की। इस अवसर पर डॉ. भदौरिया ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि खूब पढ़ें तथा खेल सहित अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लें ताकि सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास हो सके।
दो दिन तक चले सांस्कृतिक और खेल महोत्सव में छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा तथा कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने अपने संदेश में सभी विजेता-उप विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई दी तथा पढ़ाई के साथ कुछ समय अन्य गतिविधियों में देने की सलाह भी दी। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से हम अलग तरह की ताजगी का अनुभव करते हैं। कुछ हद तक ऐसे कार्यक्रम तनाव से भी बचाते ह
निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक तथा सांस्कृतिक विकास के लिए खेल और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना बहुत जरूरी है। खेलों के माध्यम से हम सभी स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। विभिन्न प्रतियोगिताओं से हमारे अंदर एक-दूसरे से मिल-जुलकर रहने का भाव पैदा होता है। उन्होंने कहा कि जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस शिक्षा ही नहीं सामाजिक सरोकारों से भी वास्ता रखता है। छात्र-छात्राएं पढ़ाई के साथ खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी अपना कौशल दिखाएं इसीलिए तूनव फेस्ट का आयोजन किया गया।
तूनव फेस्ट के समन्वयक एवं सीएसई के विभागाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि शोभित गुप्ता को तूनव एंथम बनाने के लिए विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया। ग्रुप डांस में सागर गोयल, आरती के ग्रुप ने सभी का मन मोहा तो फैशन शो छात्र वर्ग में अनुपम नौहार एवं छात्रा वर्ग में अलका पाण्डेय विजेता रहे। कोडिंग कम्पटीशन में कुणाल माहेश्वरी, सोलो डांस में अवन्तिका त्रिपाठी, ड्यूट डांस में लवी गौतम, सोलो सिंगिग में रितिक पचौरी ने अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाते हुए प्रथम स्थान हासिल किया।
उन्होंने बताया कि ड्यूट सिंगिग में हर्षित थापा व अभिनन्दन, पोस्टर मेकिंग में वैष्णवी, कविता पाठ में आर्यन पाण्डेय, आर्ट में नंदनी गुप्ता, कैनवास पेन्टिंग में कोमल राजपूत ने श्रेष्ठता साबित करते हुए विजेता होने का गौरव हासिल किया। स्पोर्ट्स की टेबिल टेनिस स्पर्धा में संकल्प कुमार निषाद तथा सृष्टि शर्मा विजेता रहे वहीं शतरंज में सौरभ व वर्षा गौतम ने बाजी मारी। समापन अवसर पर प्रो. नीता अवस्थी ने मुख्य अतिथि डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया का स्मृति चिह्न भेंटकर आभार ज्ञापित किया। तूनव फेस्ट की शानदार सफलता में सहयोग के लिए श्री संजीव सिंह, डॉ. नवनीत कुमार पांडेय तथा डॉ. शताक्षी मिश्रा ने डॉ. वी.के. सिंह, डॉ. शशि शेखर, डॉ. उदयवीर सिंह, डॉ. भोले सिंह, स्पोर्ट्स आफिसर लोकेश शर्मा आदि का आभार माना।
चित्र कैप्शनः विजेता छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया तथा प्रो. नीता अवस्थी, दूसरे चित्र में कार्यक्रम प्रस्तुत करती छात्राएं।

चित्र 1- संस्कृति विवि के बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में सनातन, शिक्षा और स्वास्थ्य पर जगदगुरु सतीशाचार्य, एचआईआईएमएस के संस्थापक आचार्य मनीष और संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता सवालों का जवाब देते हुए।चित्र परिचयः संस्कृति विवि के बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव के दूसरे सत्र में वैल्युसेंट कंपनी के मालिक और वित्तीय सलाहकार विकास एस.चतुर्वेदी, फंड्स इंडिया प्राइवेट वेल्थ के निदेशक परेश के.तापड़िया से, वित्तीय सेवाओं और रणनीतिक नवाचार में निपुण विमल त्रिपाठी एंकर के सवालों का जवाब देते हुए।

मथुरा। संस्कृति बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में भाग लेने आए विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने कहा कि आपको वो काम करना चाहिए जिसमें आपको खुशी मिले। अपने काम के दौरान जो भी चुनौती आए उसका डटकर सामना करें और जहां से भी जिससे भी सीखने का मौका मिले सीखें।
प्रथम सत्र में सनातन, शिक्षा और स्वास्थ्य पर जगदगुरु सतीशाचार्य, एचआईआईएमएस के संस्थापक आचार्य मनीष और संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने विद्यार्थियों को तीनों ही क्षेत्र से जुड़ी बारीकियों को बताया और इन क्षेत्रों में लीडर बनने के गुरुमंत्र भी दिये। जगदगुरु सतीशाचार्य ने बताया कि कम पढ़ने के बाद भी कैसे सफल हुआ जा सकता है, गुरुमंत्र के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बच्चे जब अपनी संस्कृति और धर्म को जानेंगे तब वे राम और कृष्ण जैसे बनेंगे। माता-पिता को सुख प्रदान करें आपको कभी संकट का सामना नहीं करना होगा। चांसलर डा. सचिन गुप्ता ने कहा कि बच्चे मानवीय मूल्यों को जानें, उनके अंदर आत्म अनुशासन हो तभी उनकी बुनियाद अच्छी होगी। आचार्य मनीषजी ने कहा कि विद्यार्थियों को वेदों में बताए छह पुरुषार्थों को अपनना चाहिए। विद्यार्थी अपने स्वास्थ्य का भी गंभीरता से ध्यान रखें। जिम जाकर प्रोटीन शेक पीना व्यर्थ है। इनके साइड इफेक्ट बहुत खतरनाक हैं। अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए विद्यार्थियों को खाना वज्रआसन में बैठ के खाना चाहिए और सूर्यास्त के बाद नही खाना चाहिए। तुलसी और गिल्ओय का कढा बना के पीना चाहिए।
दूसरे सत्र में वैल्युसेंट कंपनी के मालिक और वित्तीय सलाहकार विकास एस.चतुर्वेदी, फंड्स इंडिया प्राइवेट वेल्थ के परेश के.तापड़िया से, वित्तीय सेवाओं और रणनीतिक नवाचार में निपुण विमल त्रिपाठी से ‘ रोल ऑफ बूटस्ट्रेपिन वर्सेस वेंचर कैपिटल फॉर अर्ली स्टेज स्टार्टअप’, विषय पर अनेक सवालों के द्वारा वित्तीय जगत की बारीकियों को जाना गया। आर्थिक विशेषज्ञ विकास चतुर्वेदी ने बताया कि किस तरह भारतीय संस्कृति को यूरोपीय संस्कृति प्रभावित कर रही है और इनका सम्बन्ध आने वाले व्यवसाय को किस तरीके से आगे बढ़ाने में मददगार रहेगा। उन्होंने अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए ये भी बताया कि ये यूरोप किस तरीके से वैश्विक व्यापार में बढ़ौतरी करेगा। परेशजी ने कहा कि अच्छे भविष्य के लिए हमेशा एक विद्यार्थी आपके अंदर ज़िंदा रहना चाहिए। अपने ऊपर ध्यान देना चाहिए, धन निवेश से ज़्यादा महत्वपूर्ण है स्वयं पर निवेश।असफलता ही विकास की कुंजी है। बैंकिंग क्षेत्र के दिग्गज विमल ने बताया कि हमें सबसे पहले ग्राहक की आवश्यकता को समझना चाहिए क्योंकि ग्राहक ही भगवान है। अगर कोई व्यवसाय आपको तीन साल में अपेक्षित रिटर्न दे रहा है तो आपका आइडिया अच्छा है। आत्म आलोचनात्मक बनें। उन्होंने कहा फाइनेंसियल लिटरेसी को पाठ्यक्रम में जोड़ना चाहिए।
अगला सत्र विश्वभर में लोकप्रिय वक्ता, लेखक अंकुर वारिकु का था। अपने बेहद रोचक वक्तव्य से उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे तक विद्यार्थियों और श्रोताओं को पूरी तरह से बांधे रखा। उन्होंने लीक से हटकर बहुत सारी बातें कहीं। उनका कहना था कि जरूरी नहीं है कि हम प्लान बनाकर ही काम करें, बिना प्लान बनाए भी अच्छा काम किया जा सकता है। एक बात तो उन्होंने बहुत विशेष रूप से कही कि हम जो अपने साथ लोगों को जोड़ते हैं उसमें अधिकतर लोग अपने स्वभाव से मेल खाने वाले ही होते हैं जबकि हमें उन लोगों को ढूंढना है जो हमसे बिल्कुल भी मिल नहीं खाते यानी कि ऐसे लोग जो हमसे विपरीत स्वभाव के होते हैं। जिनसे अक्सर हम दूरी बना लेते हैं। ऐसे लोगों से ही हमें अपने संबंध बनाना चाहिए। उनसे हमें बहुत कुछ नया सीखने को मिलता है और हम अपने आप का विकास कर पाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमेशा पहले दिन के बारे में सोचना चाहिए और ऐसी हालत में हमें हमेशा वह काम करना चाहिए जिसमें कि हमें खुशी मिलती है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे मोंकों पर यह देखा गया है कि हम लीक से हटकर जब अपने विचारों से और अपने कार्यों से अपनी पसंद का रास्ता चुनते हैं तो हमें सफलता मिल जाती है।
अगले सत्र में मनोरंजन, फिल्म और संगीत की दुनिया से जुड़े विशेषज्ञों ने, ‘फिल्म और संगीत सॉफ्ट पावर के रूप में: संस्कृति की वैश्विक धारणा को आकार देना’, विषय पर अनेक बारीकियों पर बात की। भारतीय फिल्म अभिनेता और प्रेरक वक्ता मोहम्मद अली शाह, बालीवुड निर्माता और निर्देशक जो अंत्याक्षरी और सारेगामा शो से ख्याति अर्जित कर चुके हैं, गजेंद्र सिंह, बालीवुड निर्माता और निर्देशक ने बताया कि हम जो भी निर्माण करें वह भारतीय संस्कृति और सहज मनोरंजन के लिए होना चाहिए। अच्छी फिल्मों का क्रेज कभी खत्म नहीं होगा। तीनों वक्ताओं ने लीडरशिप क्वालिटी के लिए सहयोगियों के प्रति अपनेपन की भावना और लक्ष्य के प्रति सम्मिलित भावना के महत्व को अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया गया। अंत में विश्वविद्यालय के छात्र परिषद के उपाध्यक्ष द्वारा सभी को सम्मानित किया गया|
अंतिम सत्र में उद्यमशीलता के प्रारंभिक चरण में टेक्नोलाजी के रोल पर चर्चा हुई। अनरीयल एज के फाउंडर मानीगंधन मंजूनाथ ने बताया कि एआई से हमे जॉब का खतरा नहीं हो सकता क्योंकि जब पहले कंप्यूटर आए उन्होंने जैसे अपनी जगह हमारे बीच बना ली ठीक उसी प्रकार आइए सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नहीं बल्कि हमारी जरूरत है। उनका कहना था टेक्नोलाजी हर क्षेत्र में मददगार साबित हुई है। यूनीकौशल की फाउंडर मृदुला त्रिपाठी जी ने अपना प्रस्ताव रखते हुए बताया कि आज के जमाने में महिलाओं के लिए बिजनेस चलना मर्दों की अपेक्षा में कोई कठिन बात नहीं है बल्कि जितनी कठिनाइयां एक मर्द को बिजनेस स्टार्ट या रन करने में होती है उतनी ही एक महिला को ही होती है । मृदुला जी ने कहा कि आज के चाल चलन में चैट जीपीटी का भी बहुत बड़ा महत्व है। विशेष रूप से एजुकेशन की फील्ड में आज किसी भी टॉपिक पर रिसर्च करनी हो तो एक बार बस वॉयस कमांड देने की जरूरत पड़ती है और तुरंत हमें पूरी जानकारी मिल जाती अगर हम इसका इस्तेमाल अपने बिजनेस या अपने हित के लिए करे तो बहुत मुश्किले आसान हो जाती हैं।
इस मौके पर कान्क्लेव के आयोजन को मूर्त रूप देने वाले बारासिया एडवरटाइसिंग एजेंसी के निदेशक आदित्य बारासिया को संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने सम्मानित किया। कार्यक्रम की रूपरेखा का निर्माण संस्कृति विवि के इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डा.गंजेंद्र सिंह ने किया। विभिन्न सत्रों के संचालन में पर्दे के पीछे संस्कृति विवि के छात्र काव्यांश कुशवाहा, दीपिका चौधरी, परी मित्रा, अमित केशरी, रिया अरोरा की विशेष भूमिका रही।

छात्र-छात्राओं को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दी जानकारीजी.एल. बजाज में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

मथुरा। आज समूची दुनिया जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के प्रभावों से जूझ रही है। इस समस्या पर यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति और खराब हो जाएगी। स्वच्छ, सुरक्षित और टिकाऊ पर्यावरण सुरक्षा हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। हम पर्यावरण संरक्षण और साफ-सफाई पर ध्यान देकर न कवल प्रदूषण को कम कर सकते हैं बल्कि बीमारियों के प्रसार को भी रोक सकते हैं। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा द्वारा आयोजिक विशेष जागरूकता कार्यक्रम में निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं तथा सफाई कर्मियों को बताईं।
विश्व पृथ्वी दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं, सफाई कर्मचारियों, माली, जलपान गृह और मैस कर्मियों को संस्थान परिसर में स्वच्छता बनाए रखने तथा कूड़ा-कचरा प्रबंधन की जानकारी दी गई। उन्हें अपशिष्ट प्रबंधन, वायु गुणवत्ता नियंत्रण, जल संरक्षण तथा जैव विविधता संरक्षण की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के संयोजक सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि औद्योगिक उत्सर्जन, वाहनों से होने वाला प्रदूषण और वनों की कटाई से वायु की गुणवत्ता कम होती है तथा मानव स्वास्थ्य को खतरा होता है। पर्यावरण स्वच्छता उत्सर्जन को नियंत्रित कर, हरित क्षेत्र को बढ़ावा देकर तथा टिकाऊ परिवहन विकल्पों का समर्थन कर हम इस क्षति को सीमित कर सकते हैं।
डॉ. रामवीर सिंह ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ जल बहुत जरूरी है लिहाजा हमें जल स्रोतों की शुद्धता सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। छात्र-छात्राओं को पर्यावरण स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र की जानकारी देने के साथ उन्हें सूखे और गीले कचरे को वर्गीकृत कर अलग-अलग एकत्रित किए जाने की जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने अपने प्रजेंटेशन और संवाद के माध्यम से यह समझाया कि सही तरीके से कचरे को अलग करना न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक है बल्कि इससे कम्पोस्ट खाद और पुनः उपयोग की जाने वाली वस्तुएं भी प्राप्त की जा सकती हैं।
कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने संस्थान की मेस, जलपान गृह और फैकल्टी निवास से निकलने वाले कचरे का उदाहरण देते हुए यह बताया कि उसे किस प्रकार से वर्गीकृत किया जाए और संग्रहित किया जाए। उन्होंने सभी कर्मचारियों को यह भी सिखाया कि कचरे का सही निपटान किस तरह पर्यावरण के लिए लाभकारी हो सकता है। इस प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन जी.एल. बजाज के एनवायरमेंटल क्लब द्वारा किया गया। कार्यक्रम के संयोजक सत्येन्द्र कुमार, डॉ. रामवीर सिंह, डॉ. सम्भवी कात्यायन और बृजेश गुप्ता आदि ने भी स्वच्छता तथा पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी।
चित्र कैप्शनः विश्व पृथ्वी दिवस पर स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की जानकारी देते हुए प्राध्यापक।

राजीव एकेडमी की एमसीए टीम ने जीता टी-20 खिताबखिताबी मुकाबले में एमबीए टीम को चार विकेट से हराया

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट द्वारा गणेशरा स्टेडियम में आयोजित टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब एमसीए टीम ने एमबीए टीम को चार विकेट से पराजित कर जीत लिया। खिताबी मुकाबले में शानदार गेंदबाजी के लिए एमसीए के ईशु को प्लेयर आफ द मैच तथा सम्पूर्ण प्रतियोगिता में शानदार बल्लेबाजी, गेंदबाजी तथा क्षेत्ररक्षण के लिए एमबीए जूनियर के मुरली को प्लेयर आफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार प्रदान किया गया।
राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट द्वारा फिट इंडिया-खेलो इंडिया के तहत गणेशरा स्टेडियम में टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में एमबीए जूनियर, एमबीए सीनियर व एमसीए टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का पहला मुकाबला एमबीए (प्रथम वर्ष) और एमबीए (द्वितीय वर्ष) के बीच खेला गया, जिसमें एमबीए टीम विजयी रही। इस मुकाबले में मोहम्मद आदिल ने नौ चौकों तथा आठ 8 छक्कों की धुंआधार पारी खेली जबकि अंकित ने नौ चौकों की बेहतरीन पारी खेली। प्रतियोगिता के दूसरे मुकाबले में एमसीए ने एमबीए सीनियर को 59 रनों से पराजित कर फाइनल में प्रवेश किया।
प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला एमबीए जूनियर और एमसीए टीमों के बीच 10-10 ओवर का खेला गया। एमबीए जूनियर के कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। ईशु की शानदार गेंदबाजी के चलते एमबीए जूनियर टीम आठ विकेट के नुकसान पर सिर्फ 90 रन ही बना सकी। 91 रनों के विजयी लक्ष्य का पीछा करने उतरी एमसीए टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही तथा उसके छह विकेट बहुत जल्दी गिर गए। अंततः अन्य बल्लेबाजों ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए एमबीए जूनियर टीम को चार विकेट से हराते हुए खिताब एमसीए टीम की झोली में डाल दिया।
फाइनल मुकाबले में एमसीए के ईशु को शानदार गेंदबाजी के लिए प्लेयर आफ द मैच का पुरस्कार प्रदान किया गया तथा सम्पूर्ण प्रतियोगिता में शानदार बल्लेबाजी, गेंदबाजी तथा क्षेत्ररक्षण के लिए एमबीए जूनियर के मुरली को प्लेयर आफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रतियोगिता में दुर्गपाल सिंह तथा सौरभ शर्मा ने जहां अम्पायरिंग की भूमिका का निर्वहन किया वहीं गौरव शर्मा मुख्य स्कोरर रहे। प्रतियोगिता के संचालन में योगेश तिवारी और विजय अग्रवाल का सराहनीय योगदान रहा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने विजेता तथा उप विजेता टीमों के खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि खेल और शिक्षा एक-दूसरे के पूरक हैं, लिहाजा प्रत्येक विद्यार्थी को प्रतिदिन पढ़ाई के साथ कुछ समय खेलों को अवश्य देना चाहिए। ग्रुप के उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि खेल अनुशासन तथा टीमभावना सिखाते हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने तीनों टीमों के खिलाडि़यों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन भविष्य में भी होंगे ताकि छात्र-छात्राएं तन और मन से स्वस्थ रह सकें। प्रतियोगिता के समन्वयक डॉ. विकास जैन ने सफल आयोजन के लिए सभी का आभार माना।
चित्र कैप्शनः टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब जीतने वाली एमसीए टीम।

दंत चिकित्सा में 3डी इमेजिंग काफी मददगारः डॉ. कुहू मजूमदारके.डी. डेंटल कॉलेज में मना राष्ट्रीय आईएओएमआर दिवस


मथुरा। 3-डी छवियां समग्र दंत चिकित्सकों, मौखिक रोग विशेषज्ञों तथा उन्नत दंत प्रत्यारोपण विशेषज्ञों को दंत चिकित्सा निदान और दंत सर्जरी की योजना बनाने में काफी मददगार होती हैं। डेंटल सीबीसीटी स्कैन एकमात्र डायग्नोस्टिक विधि है जो जबड़े में डेंटल कैविटेशन संक्रमण की पहचान करने में सक्षम है। सभी दंत चिकित्सकों द्वारा उपयोग किया जाने वाला 3-डी सीबीसीटी स्कैन देखभाल का मानक है और जबड़े की हड्डी में असामान्यताओं का निदान करने के लिए एकमात्र भरोसेमंद डायग्नोस्टिक टूल है। यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में द्वारा आयोजित राष्ट्रीय आईएओएमआर दिवस पर अतिथि वक्ता डॉ. कुहू मजूमदार ने संकाय सदस्यों तथा छात्र-छात्राओं को बताईं।
ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी में एमडीएस डॉ. कुहू मजूमदार ने अपने व्याख्यान में “दंत चिकित्सा में 3डी इमेजिंग की शक्ति को अनलॉक करना- सीबीसीटी कैसे रोगी देखभाल को बदल रहा है विषय पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने दंत चिकित्सा में सीबीसीटी के सिद्धांत और लाभ, सीबीसीटी की नैदानिक शक्ति और आधुनिक दंत चिकित्सा में उनके अनुप्रयोग, बढ़ी हुई उपचार सटीकता और पूर्वानुमान, 3डी विजुअलाइजेशन के माध्यम से बेहतर रोगी संचार और शिक्षा, सर्जिकल जटिलताओं के कम जोखिम तथा दंत चिकित्सा में 3डी इमेजिंग के भविष्य पर अपने अनुभव साझा किए
डॉ. कुहू मजूमदार द्वारा सीबीसीटी पर व्यावहारिक कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण विषयों पर भावी दंत चिकित्सकों को विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. विनय मोहन ने रेडिएशन के खतरे और सुरक्षा विषय पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि दंत चिकित्सा में रेडिएशन के खतरे और सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। दंत एक्स-रे और अन्य इमेजिंग तकनीकों से निकलने वाला विकिरण, कम मात्रा में होने के बावजूद कुछ जोखिमों से जुड़ा है। ये जोखिम आमतौर पर कम होते हैं, लेकिन अनावश्यक विकिरण से बचना महत्वपूर्ण है।
डॉ. विनय मोहन ने दंत चिकित्सकों को विकिरण सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि कुछ अध्ययनों से पता चला है कि बार-बार या अनावश्यक एक्स-रे के सम्पर्क में आने से जहां कैंसर का खतरा बढ़ सकता है वहीं लार ग्रंथियों और थायरॉयड ग्रंथि को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने विकिरण को कम करने के लिए लेड एप्रन और थायरॉयड कॉलर का उपयोग करने की सलाह दी। अपने व्याख्यान में उन्होंने विकिरण के अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव, मौखिक ऊतकों पर विकिरण के प्रभाव तथा विकिरण सुरक्षा के तरीके भी बताए। इस अवसर पर ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्रों द्वारा ई-पोस्टर की प्रस्तुति की गई, जिसमें उनके द्वारा ओरल कैंसर और प्रीकैंसरस स्थितियों तथा उनकी रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन छात्र-छात्राओं ही नहीं संकाय सदस्यों के लिए भी काफी लाभकारी साबित होते हैं। डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने डॉ. कुहू मजूमदार का मुंबई से यहां आने और अपना बहुमूल्य अनुभव साझा करने के लिए आभार व्यक्त किया। डॉ. लाहौरी ने ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. विनय मोहन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
चित्र कैप्शन। प्रमाण पत्र वितरण के दौरान प्रतिभागियों के साथ मुख्य वक्ता डॉ. कुहू मजूमदार, प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी, विभागाध्यक्ष डॉ. विनय मोहन, प्रो. (डॉ.) अनुज गौर तथा अन्य संकाय सदस्य।

बेहतर भविष्य की नींव है अच्छी शिक्षाः प्रो. अजय उपाध्यायजी.एल. बजाज के प्राध्यापकों ने गांव सिहाना में दिया बालिका शिक्षा पर जोर

मथुरा। शिक्षा ही सफल जीवन जीने का एकमात्र तरीका है। शिक्षा हमें कल के लिए तैयार होने और हर स्थिति से निपटने का तरीका सिखाती है। शिक्षा न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है क्योंकि यह हमें एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद करती है। सच कहें तो अच्छी शिक्षा बेहतर भविष्य की नींव है। यह बातें उन्नत भारत अभियान के समन्वयक और जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के प्रो. अजय उपाध्याय ने पंचायत भवन सिहाना में ग्रामीणों को बताईं।
गांव सिहाना में शिक्षा एक बेहतर भविष्य की ओर कार्यक्रम में प्रो. अजय उपाध्याय ने ग्रामीणों को बताया कि शिक्षा केवल किताबों के पन्नों तक सीमित नहीं होती बल्कि यह सोचने-समझने और आगे बढ़ने की कला सिखाती है। यह हमें सही और गलत की पहचान कराती है तथा आत्मनिर्भर बनने का मार्ग दिखाती है। यही कारण है कि शिक्षा को भोजन, पानी और हवा की तरह ही जीवन का आधार माना जाता है। शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, यह जीवन को समझने, समस्याओं को हल करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने का मूल मंत्र है। शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है जो न केवल तकनीकी कौशल और ज्ञान प्रदान करती है बल्कि नैतिक मूल्यों, आत्मविश्वास और बौद्धिक विकास को भी बढ़ावा देती है।
प्रो. उपाध्याय ने ग्रामीणों को बताया कि शिक्षा हमें सिखाती है कि हम क्या जानते हैं और कैसे सोचते हैं, जिससे हम अपने और समाज के भविष्य को आकार दे सकें। इसका उद्देश्य केवल एक अच्छी नौकरी पाना नहीं बल्कि जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनाना भी है। इस अवसर पर प्रो. तनुश्री गुप्ता ने बालिका शिक्षा पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि समाज के विकास में महिलाओं का बड़ा हाथ होता है। जब तक देश की प्रत्येक बालिका शिक्षित नहीं हो जाती तब तक देश का विकास सम्भव नहीं है। इसके लिए भारत सरकार ने भी बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाया है।
प्रो. गुप्ता ने बताया कि देश के भविष्य के लिए भारत में लड़कियों की शिक्षा आवश्यक है क्योंकि महिलाएं ही अपने बच्चों की पहली शिक्षक हैं। उन्होंने कहा कि अशिक्षित महिलाएं परिवार के प्रबंधन में योगदान नहीं दे सकतीं तथा वह बच्चों की उचित देखभाल करने में भी नाकाम रहती हैं। उन्होंने कहा कि एक सुशिक्षित लड़की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है वह शिक्षक, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक के रूप में देश की सेवा भी कर सकती है।
प्रो. गुप्ता ने कहा कि शिक्षित लड़कियां बच्चों में अच्छे गुण प्रदान कर परिवार के प्रत्येक सदस्य को उत्तरदायी बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि एक आदमी को शिक्षित करके राष्ट्र का कुछ हिस्सा शिक्षित किया जा सकता है जबकि एक महिला को शिक्षित करके पूरे समाज और देश को शिक्षित किया जा सकता है। गौरतलब यह कि जी.एल. बजाज ने उन्नत भारत अभियान के तहत गांव सिहाना को गोद लिया है। इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों गोपाल, कनक, मुदित आदि ने भी शिक्षा पर अपने विचार साझा किए। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने प्राध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं को अच्छे सामाजिक कार्यक्रम के लिए बधाई दी तथा कहा कि जी,एल. बजाज ग्रामीणों की शिक्षा, उन्नति व विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
चित्र कैप्शनः पंचायत भवन सिहाना में ग्रामीणों को शिक्षा की खूबियां बताते जी.एल. बजाज के प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं।

संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ करते आध्यात्मिक गुरु आचार्य सतीश सद्गुगुरु जी महाराज, संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता, उद्योगपति पूरन डाबर, अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स लिमिटेड के चेयरमैन रमेश अग्रवाल, डाबर ग्रुप के चीफ मैनेजिंग डाइरेक्टर पूरन डावर, एचआईआईएमएस के फाउंडर मनीषजी, कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी।

संस्कृति विवि में बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में हुए मानक हुए स्थापित
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित बिजनेस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने विद्यार्थियों और श्रोताओं को व्यापार जगत में सफलता और नेतृत्व क्षमता अर्जित करने के अनेक टिप्स देकर कॉन्क्लेव की उपयोगिता को ऩई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। कॉन्क्लेव में जहां व्यापार में ग्राहक को भगवान और कर्मचारी को हनुमान की संज्ञा दी गई वहीं लीडर बनने के लिए कर्तव्य, निष्ठा, संस्कृति और ज्ञान को मूलमंत्र बताया गया।
संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल हाल में हुआ। कॉन्क्लेव उद्घाटन सहित कुल छह सत्रों में समाहित था। कॉन्क्लेव का शुभारंभ आध्यात्मिक गुरु आचार्य सतीश सद्गुगुरु जी महाराज, संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता, उद्योगपति पूरन डाबर, अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स लिमिटेड के चेयरमैन रमेश अग्रवाल, डाबर ग्रुप के चीफ मैनेजिंग डाइरेक्टर पूरन डावर, एचआईआईएमएस के फाउंडर मनीषजी, कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
उद्घाटन सत्र में संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी ने अपने स्वागत भाषण में सभी वक्ताओं का परिचय देते हुए कहा कि कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता चाहते हैं कि हर विद्यार्थी जो भी संस्कृति विश्वविद्यालय में पढ़ रहा है नौकरी ढूँढने वाला नहीं नौकरी प्रदान करने वाला बने। उनके नेतृत्व में शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में संस्कृति विवि ने बहुत काम किया है। उद्योगपति पूरन डावर ने अपने जीवन से जुड़े अनेक संस्मरणों का हवाला देते हुए कहा कि आज का समय युवा पीढ़ी के लिए अमृत काल है, यह काल स्वतंत्रता का दूसरा चरण है , आर्थिक स्वतंत्रता का काल है। आप लोगों को देश के लिए जान देने का मौका नहीं मिला पर आप लोगों को शान से जीने का मौका मिला है। शिक्षा ज़रूरी नहीं है की नौकरी पाने के लिए की जाये, आप युवा पीढ़ी कोशिश कीजिए की नौकरी प्रदान करने वाले बने न कि नौकरी लेने वाले। पश्चिमी देश इतने विकसित इसलिए हैं क्योंकि वहाँ के बच्चो को काम करने की आदत है वे किसी भी काम को छोटा नहीं समझते। उन्होंने कहा कि उद्यमशीलता ही आपको सशक्त बना सकती है, देश को सशक्त बना सकती है। नौकरी खाने को दे सकती है पर अंबानी और अदानी तो उद्यमशीलता से ही बना जा सकता है।
अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स लिमिटेड के चेयरमैन रमेश अग्रवाल ने कहा कि आप लोग पांच सपने देखिए, उन में से किसी एक को चिह्नित कीजिए, उसपर निरंतर प्रयास कीजिए और आपका लक्ष्य एक दिन आपको ज़रूर हासिल होगा। उन्होंने अपनी जीवन के बारे में बताया कि जब में सेना में कार्यत था तो मन में एक ही विचार आता था की कैसे में और लोगों को भी रोज़गार प्रदान कर सकूं, इसलिए मैंने अपनी सेना की नौकरी छोड़ दी और 1987 में शुरुआत की अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स की। उन्होंने अपने ख़ुद के आज़माये हुए नुस्खों को संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ साँझा किया ताकि वे लोग भी कुछ सीख ले सकें। उद्घाटन सत्र का समापन संस्कृति विवि की स्टूडेंट काउंसिल के अध्यक्ष यश श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

विज्ञान प्रदर्शनीछात्राओं ने किया वैज्ञानिक प्रतिभा का प्रदर्शन ।

मथुरा।अमर नाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज के विज्ञान विभाग द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में विज्ञान संकाय स्नातक स्तर की 55 छात्राओं ने भाग लिया। प्रदर्शनी में छात्राओं ने विभिन्न विषयों जिसमें नरौरा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, मथुरा रिफाइनरी, नैनो मटेरियल, जैव अपशिष्ट प्रबंधन, लिक्विड ट्री आदि मुख्य विषयों पर आधारित मॉडलों का प्रदर्शन किया। इसी क्रम में छात्राओं के द्वारा पीपीटी प्रेजेंटेशन, क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आए अतिथि प्रोफेसर डॉ अमर कुमार धारीवाल, के. आर. कॉलेज, डॉ पंकज कुशवाह, असिस्टेंट प्रोफेसर बी.एस.ए. कॉलेज एवं डॉ निशु मिश्रा विज्ञान विभाग की कॉर्डिनेट कान्हा माखन स्कूल मथुरा का स्वागत कॉलेज की कॉर्डिनेटर डॉ मीता तिवारी ने किया। छात्राओं को शुभकामनाए देते हुए प्राचार्य डॉ अनिल वाजपेई ने कहा कि युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना आवश्यक है। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्रियांशी और निहारिका को मॉडल लिक्विड ट्री में, द्वितीय पुरस्कार मुस्कान प्रगति श्रेया, को नैनो टेक्नोलॉजी और तृतीय पुरस्कार अनुष्का, राधा रानी ज्योति, एकता, सपना, नंदिनी शर्मा को नरौरा परमाणु संयंत्र में पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर विस्तृत जानकारी देते हुए महाविद्यालय की कॉर्डिनेटर डॉ. मीता तिवारी ने बताया कि महाविद्यालय में समय समय पर बच्चों के लिए शैक्षिक आयोजन किए जाते है। साथ ही सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया और अन्य विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया गया।कार्यक्रम की संयोजिका विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ सरिता शर्मा थी। कार्यक्रम के संचालन में प्रवक्ता शैलजा चौधरी, वैशाली गोस्वामी और संजय वर्मा ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में डॉ मनोरमा कौशिक, नूतन देहर, रोहित वाजपेयी, एवं डॉ. पंकज आदि शिक्षक भी उपस्थित रहे।

आरआईएस के छात्र-छात्राओं ने लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्पराजीव इंटरनेशनल स्कूल मना रहा पृथ्वी बचाओ सप्ताह

मथुरा। छात्र-छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने तथा पर्यावरण संरक्षण की जानकारी देने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में 16 अप्रैल से पृथ्वी बचाओ सप्ताह मनाया जा रहा है। पृथ्वी बचाओ सप्ताह के शुभारम्भ अवसर पर छात्र-छात्राओं ने जहां पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया वहीं आमजन को भी इसके प्रति जागरूक करने का भरोसा दिया। पृथ्वी बचाओ सप्ताह का समापन 22 अप्रैल को किया जाएगा। इस साल पृथ्वी दिवस की थीम हमारी शक्ति, हमारा ग्रह है।
पृथ्वी बचाओ सप्ताह में छात्र-छात्राओं को विविध कार्यक्रमों के जरिए पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी जा रही है। पृथ्वी बचाओ सप्ताह के शुभारम्भ अवसर पर स्कूल हेड प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं को बताया कि पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए पेड़, पानी और स्वच्छ हवा जैसे संसाधनों को बचाया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम अपनी दैनिक जीवनशैली में बदलाव लाकर पृथ्वी को बचाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को पानी, ऊर्जा बचाने के साथ ही प्लास्टिक का उपयोग कम करने की सलाह दी।
छात्र-छात्राओं को प्लास्टिक का उपयोग न करने की सलाह देते हुए उन्हें बताया कि माइक्रो प्लास्टिक न सिर्फ धरती पर मनुष्यों व जीव-जन्तुओं को प्रभावित कर रही है बल्कि समुद्रों में मछलियों एवं समुद्री जीवों को भी बहुत हानि पहुंचा रही है। इससे लाखों की संख्या में जलीय जीव प्रभावित हो रहे हैं। प्रिया मदान ने कहा कि भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए हमें पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग रोकना होगा। उन्होंने कहा कि अगर प्राथमिक संसाधनों का दुरुपयोग नहीं रोका गया, तो हमें पृथ्वी के रौद्र रूप को सहना होगा। पृथ्वी बचाओ सप्ताह में छात्र-छात्राएं पोस्टरों के माध्यम से जहां पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दे रहे हैं वहीं तख्तियां लेकर पृथ्वी बचाओ का संदेश भी दे रहे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि इस समय समूची दुनिया पर्यावरण संकट से गुजर रही है। ऐसे में राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा पृथ्वी बचाओ सप्ताह का आयोजन किया जाना अच्छी पहल है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि पृथ्वी को हरा-भरा, सुरक्षित व समृद्ध बनाए रखना हम सब की जवाबदेही है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बचपन से ही यदि पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण आदि की जानकारियां प्रदान की जाएं तो इससे दुनिया को सम्भावित खतरे से बचाया जा सकता है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जिस तेजी से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, वह भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है। श्री अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाना तथा उनकी सुरक्षा करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण से ही पर्यावरण को स्वच्छ और संतुलित रखा जा सकता है।
चित्र कैप्शनः पृथ्वी बचाओ सप्ताह के अंतर्गत पोस्टरों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की जानकारी देते राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं।