मथुरा। कोरोना संक्रमण के चलते जहां आमजन का जीवन ठहर सा गया है वहीं युवा पीढ़ी अपने सुनहरे भविष्य को लेकर मुश्किल में है। इस संकट की घड़ी में जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के बी.टेक. कम्प्यूटर साइंस अंतिम वर्ष के मेधावी छात्र वीरेन्द्र कुमार ने कम्प्यूटर संचालित एक ऐसा प्रोग्राम बनाया है जो कि भारतीय मजदूरों के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। वीरेन्द्र कुमार के इस प्रोग्राम को भारतीय पेटेंट कार्यालय ने सराहते हुए शासकीय जर्नल में भी प्रकाशित किया है। वीरेन्द्र कुमार फिलवक्त आनलाइन वेबिनार के माध्यम से हिम्मत हार चुके लोगों को हौसला दे रहा है।
वीरेन्द्र कुमार ने यह उपलब्धि तीन साल की अथक मेहनत के बाद हासिल की है। उनके कम्प्यूटर संचालित इस प्रोग्राम को भारतीय पेटेंट कार्यालय ने शासकीय जर्नल में प्रकाशित करने के साथ भारतीय आविष्कारकों की सूची में भी शामिल किया है। वीरेन्द्र कुमार का आविष्कार एक कम्प्यूटर उपकरण पर आधारित है जो कि देश के असंगठित क्षेत्र के करोड़ों मजदूरों की भागदौड़ भरी जिन्दगी में कुछ आराम के पल देगा। इसके माध्यम से अब मजदूरों को घर बैठे बुलाया जा सकेगा तथा उन्हें काम की तलाश में सुबह से ही चौराहों पर खड़ा नहीं होना पड़ेगा।
वीरेन्द्र कहते हैं कि मुझे इसकी प्रेरणा अपने पिता पोहप सिंह से मिली क्योंकि वह भी एक मजदूर थे। साफ्टवेयर इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार इन दिनों आनलाइन वेबिनार के माध्यम से घरेलू महिलाओं, छात्र-छात्राओं और मजदूर तबके के लोगों को हौसला दे रहे हैं। पिछले पांच साल से शिक्षा के माध्यम से लोगों की मदद कर रहे वीरेन्द्र कुमार को अब तक कई राज्य और राष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। उनकी पुस्तक (एक बच्चे के सपनों को उड़ान) भी शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय जी.एल. बजाज संस्थान को देते हुए कहा कि यहां का बेहतरीन शैक्षिक वातावरण कुछ नया करने का हौसला देता है।
आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डा. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, चेयरमैन मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डा. एल.के. त्यागी ने वीरेन्द्र कुमार की सोच और लेखन क्षमता की सराहना करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। डा. अग्रवाल ने कहा कि छात्र वीरेन्द्र कुमार ने जी.एल, बजाज ही नहीं समूचे मथुरा जनपद को गौरवान्वित किया है।