आखिरकार वही हुआ जिसका डर था। हवाई रास्ते से स्वदेश आया कोरोना वायरस अब पैदल-पैदल हिंदुस्तान के गांव-गांव तक पहुंचने लगा है। इस संक्रमण के वाहक बन रहे हैं प्रवासी मजदूर। इसे श्रमिकों की मजबूरी कहिए या सरकार की बदइंतजामी, लेकिन पलायन अपने साथ सिर्फ रोजगार नहीं ले जा रहा बल्कि ग्रामीण भारत को भी कोविड-19 के चपेट में ले रहा है। मुंबई-दिल्ली जैसे महानगरों में खौफ का दूसरा नाम बनने के बाद अब देश के कई राज्यों के छोटे-छोटे जिलों और गांवों से नए मामले सामने आने लगे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर प्रवासियों की घर वापसी हुई थी, जिसके बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में 30 से 80 फीसदी तक मरीजों के आंकड़ों में बीच उछाल दर्ज की गई है।
इन आंकड़ों के लिहाज से मथुरा की तस्वीर भी लगातार बिगड़ रही है। बीते 15 दिनों में मांट, नौहझील, बाजना, छाता, टाउनशिप, गोवर्धन में जो मामले सामने आए है वो या तो प्रवासियों से जुड़े है या फिर जिले के बाहर से आए व्यक्ति से संक्रमण हुआ है। ऐसे मेे आने वाले दिन और भी खतरनाक हो सकते है।