मथुरा। सरकार के नए आदेश के बाद अब अगर मिल संचालक किसान से सीधे उसकी उपजं की खरीद करता है तो उसे मंडी शुल्क नहीं देना होगा। इस आदेश के बाद एक तरफ किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नया विकल्प मिला है वहीं मिल संचालक के उत्पाद की लागत कम होने का रास्ता भी खुल गया है। एक और खास बात ये है कि अब इंस्पेक्टर राज पर भी लगाम कसेगी।
दो दिन पहले केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फेंसलों में एक अहम निर्णय ये भी था। गजट में कहा गया है कि कृषि उत्पादों की सीधी खरीद करने वाले मिल संचालकों को अब मंडी शुल्क देय नहीं होगा। इस आदेश का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। वो अपनी उपज को सीधे मिल संचालक को बेचेंगे तो उन्हें मंडी के भाव से कुछ अच्छी कीमत मिल सकेगी।
अलंकार एग्रो प्रोडक्ट फ्लोर मिल संचालक प्रतुल अग्रवाल ने बताया कि सरकार का नया आदेश मिल संचालकों केा बड़ी राहत प्रदान करेगा। मंडी स्थापना का उद्देश्य और शुल्क का प्रावधान भी तभी तक था जब खरीदार मंडी परिसर की सुविधाओं का उपभोग करे। सीधी खरीद में मंडी शुल्क का कोई औचित्य ही नहीं था। एसोसिएशन ने इसका कई बार प्रतिरोध भी किया। इस नए निर्णय से किसानों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क कम होने से घटेगी लागत, उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
किसी भी वस्तु पर कर उसकी लागत को बढ़ा देती है। जिसका खामियाजा आखिर में उपभोक्ता को अधिक कीमत चुकाकर भुगतना पड़ता है। मिल संचालक से मंडी शुल्क हटने के बाद इसके उत्पाद आटा, मैदा, सूजी, दाल, चावल, खाद्य तेल की लागत भी घटेगी। जिससे बाजार में इसकी कीमतें कम होंगी।