मथुरा। जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही प्रसूता के लिए ब्लड बैंक के अधिकारी ही काल बन गए। बैंक में ब्लड की उपलब्धता के बावजूद परिजनों को रक्त नहीं दिया गया। इसके चलते उसकी मौत हो गई। पूरे मामले में गंभीर बात ये है कि डायल 112 भी पीड़िता की मदद नहीं कर सकी।
जैसा कि बताया गया कि वृन्दावन स्थित रामकृष्ण मिशन हाॅस्पिटल में भर्ती राल निवासी कविता धर्मपत्नी राजेश सिंह को एक यूनिट बी नेगेटिव रक्त की जरूरत थी। आरोप है कि 6 जून की रात्रि 11 बजे पीड़िता के ससुर सुधीर सिंह एवं देवर जय सिंह जिला रक्तकोष पहुंचे तो रक्तकोष में कोई टेक्नीशियन उपस्थित नही था। केवल वार्ड ब्याॅय उपलब्ध था जो कि लगातार मरीज के परिजनों को भ्रमित करता रहा और 2 घंटे पश्चात उसने रक्त के लिए मना कर दिया।
कविता के ससुर सुधीर सिंह ने बताया कि 11 बजे जब हम जिला अस्पताल ब्लड बैंक पहंुचे तो वहां उपस्थित वार्ड ब्याॅय द्वारा पहले हमसे मरीज की सारी जानकारी ले ली गई तत्पश्चात हमें कहा गया कि उक्त रक्त समूह उपलब्ध नहीं है। इस दौरान हमने 112 डाॅयल किया, पुलिस पहुूंची लेकिन वह भी रक्त उपलब्ध नहीं करा सकी। अंत मे जब नयति हाॅस्पिटल में रक्त मिला, तब तक कविता अपने प्राण गंवा चुकी थी।
इस पूरे प्रकरण पर रक्तदाता फाउंडेशन के संस्थापक अमित गोयल, यतेंद्र फौजदार ने कि फाउंडेशन लगातार ब्लड डोनेशन कैंप लगवाता रहता है। लाॅकडाउन में ही करीब 150 यूनिट रक्तदान किया गया है। हमारे द्वारा पूर्व में भी रक्त कोष की लापरवाही की शिकायत की गयी हैं। हमने जिलाधिकारी मथुरा ,मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं ब्लड बैंक प्रभारी को ज्ञापन देकर अवगत कराया है और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की