मथुरा। मंडी निदेशक जितेंद्र पाल सिंह के एक आदेश ने व्यापारियों में खलबली तो मचाई ही है, मंडी अधिकारियों की पोल भी खोलकर रख दी है। भ्रष्टाचार का हाल ये है कि व्यापारियों ने किसानों के लिए बने टाॅयलेट, फसल नीलामी को बने चबूतरे, मंडी में आम रास्ते, किसानों के गोदामों तक पर कब्जे कर डाले। चूंकि ये सब मंडी परिसर के अंदर हुआ है ऐसे में तय है इस मिलीभगत में मंडी अधिकारियों और कर्मचारी भी शामिल रहे है।
मथुरा मंडी में मंडी सचिव और उनकी टीम ने कुल 268 अतिक्रमणों को ंिचहित किया है। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे जिन अतिक्रमणों को ंिचहित किया गया है उनमें किसानों के लिए बने टाॅयलेट, किसानों की फसलों के लिए बनाए गए नीलामी चबूतरे, मंडी में आवागमन के लिए बने आम रास्ते, नाले तक शामिल है। भ्रष्टाचार के इस गंदे खेल का शिकार हुआ है आम व्यापारी और इस खेल में वारे न्यारे हुए है अधिकारियों और कर्मचारियों के। बहरहाल निदेशक जितेंद्र पाल सिंह के आदेश की कुछ पंक्तियां इस उम्मीद को भी जिंदा किए है कि इन कब्जों को कराने वाले अधिकारियों के विरूद्ध भी एफआईआर दर्ज होंगी।
किसानों के लिए बने गोदामों पर भी कब्जा
मथुरा। कृषि उत्पादन मंडी समिति ने मुख्य गेट के पास किसानों की उपज को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम बनवाए है। लेकिन अधिकारियों और व्यापारियों ने सांठगांठ करके इन गोदामों पर भी कब्जा कर लिया है। ऐसे में अगर किसानों केा अपनी उपज रखनी हो तो वो खुले आसमान के नीचे रखता है। जिसमें बरसात, धूप और पशुओं से उसको बड़ी हानि होती है।