मथुरा। ब्रज में रमणरेती वो दुर्लभ स्थान है जहां भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के चिंह्न आज भी मौजूद है। गोकुल के निकट इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण यमुना की रेती में लोट-पोट (रमणते) थे। रमण बिहारी के मनमोहक दर्शनों के साथ ही गुरू शरणानंद के आश्रम की आभा प्राचीन ब्रज की अनुभूति कराती है। इस आश्रम में होली के उत्सव को मनाने का अंदाज भी निराला है।
27 फरवरी को रमणरेती धाम स्थित काष्र्णि गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में दिव्य भव्य होली महोत्सव का आयोजन होगा। इस उत्सव की खासियत ये है कि यहां संत, भक्त अपने आराध्य के साथ होली खेलते है। ब्रज की प्राचीन संस्कृति का जीवंत रूप यहां देखने को मिलता है। शुद्ध टेसू के फूल, अबीर गुलाल की मार श्रद्धालुओं को आनंदित कर देती है।
इस उत्सव में शामिल होनेे के लिए देश के प्रख्यात संत, कथावाचक और देश विदेश से श्रद्धालु पहुंचते है। मंदिर प्रबंधन की ओर से बताया गया कि इस बार राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास, योग गुरू बाबा रामदेव, गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज, आचार्य गोविंद देव गिरी, अवधेशानंद गिरी, रमेश भाई ओझा, महंत महेश्वर दास, श्रीकृष्ण चंद्र ठाकुर जी इस उत्सव में मौजूद रहेंगे।
सीएम और डिप्टी सीएम हो सकते है शामिल
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद र्मौर्य का रमणरेती आश्रम में आना-जाना लगा रहता है। वो पिछले साल होली उत्सव में शामिल हो चुके है। प्रबंधन की ओर से बताया गया कि इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य होली उत्सव में शामिल हो सकते है।
पांच दिवसीय उत्सव के नित नये रंग
काष्र्णि गुरू शरणानंद आश्रम में होली का पांच दिवसीय उत्सव मनाया जाता है। इसका शुभारंभ 24 फरवरी को प्रातः साढ़े सात बजे गणेश पूजन, मंगल कलश स्थापना से होता है। आठ बजे अखंड श्रीमद गोपाल विलास, श्रीमद भगवद् गीता, वेदपाठ, एवं संकीर्तन, महापुरूषों के उपदेश, 25 फरवरी को प्रातः छह बजे सदगुरू देव जी का अभिषेक, संकीर्तन, नौ बजे बालकों के उपनयन संस्कार, 26 फरवरी को सुबह छह बजे श्रीगुरू काष्र्णि कलापाचार्य जी का अभिषेक, संकीर्तन सायं पांच बजे पाठ विसर्जन, झांकी और कीर्तन होगा। 27 फरवरी होली का मुख्य उत्सव 28 को यज्ञान्त स्नान होगा।