मथुरा। माहेश्वरी अस्पताल के पीछे हाइवे पर रिहायशी कालोनियों के आसपास के लोग चौबीसों घंटे प्रदूषण के बीच जी रहे हैं। बच्चों व वृद्धों के ल॔गातार बीमार होने की खबरें आ रही हैं। हाइवे का यह औद्योगिक इलाका है। यहां कारखानों से कालोनी वासियों का जीवन खतरे में पड़ गया है। तमाम कारखाने प्रदूषण फैला रहे हैं प्रदूषण नियंत्रित करने वाले विभाग ने लंबे समय से इन कारखानों से होने वाले प्रदूषण के प्रति उदासीन रवैया अपनाया हुआ है। टीम को समय समय पर चैकिंग करने के निर्देश हैं लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा। कोरोनाकाल में जानलेवा बन गया है।
नगर के देवीपुरा में स्थित साड़ी के कारखानों में इन दिनों युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इन कारखानों में लगी चिमनियों से रात-दिन धुआं निकलता रहता है। आसपास अनेक रिहायशी कालोनियां हैं जिनमें हजारों परिवार रहते हैं। आजकल बरसात के दिन हैं। बादल नीचे तक रहते हैं। बादलों के कारण चिमनियों से निकलने वाला जहरीला धुआं ऊपर नहीं उठ पाता। ऐसे में हवा जिस ओर की चलती है, उस ओर यह धुआं कालोनियों पर छा जाता है। अक्सर देखने में आया है कि यह धुआं कालोनियों में सुबह अथवा शाम को छा जाता है। व्यायाम या टहलने के दौरान लोग लंबी-लंबी सांसें लेने को मजबूर हो रहे हैं। हवा के साथ यह धुआं फेंफड़ों में प्रवेश कर जाता हैं। स्वास्थ्य लाभ के स्थान पर यह धुआं लोगों के स्वास्थ्य को और खराब करने का काम कर रहा है। बीमार लोगों के लिए तो यह धुआं जहर ही बन जा रहा है। राधावैली में रहने वाले जेके शर्मा, अनूप कपड़े वाले, अशोक अग्रवाल, संजय खंडेलवाल, राकेश शर्मा आदि ने धुआं फैलाने वाले इन कारखानों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करने की मांगी की है।
प्रदूषण नियंत्रण इकाई के स्थानीय अधिकारी डा. अरविंद देशवाल ने देवपुरा के लोगों की समस्या गंभीरता से ली है। उनका कहना है कि टीम भेजकर धुआं उगलना वाले कारखाने चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद उनके खिलाफ जुर्माना की कार्रवाई होगी। फिर भी इन कारखानों के स्वामी बाज न आए तो उन्हें सील किया जाएगा।
इन कारखानों से निकलने वाला जहरीला धुआं शरीर में फेफडों व शरीर के अन्य अंगों को संक्रमण की चपेट में ले लेता है। कैंसर तक हो जाता है। आखों के खराब होने की आशंका हो जाती है। बच्चों व बुजुर्ग व गर्भवती महिलाओं पर बुरा असर पड़ता है। समय समय पर चेक अप करा लेना चाहिए।