-जीएलए के विधि संस्थान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में देश के पूर्व राजनायिक/उच्चायुक्त एवं रूस के प्रोफेसर ने विश्वय विषेशज्ञों के साथ रखे विचार
मथुरा। सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स एवं जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के लॉ इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एवं रिसर्च (विधि संस्थान) ने ‘‘पोस्ट कोविड इमर्जिंग वर्ल्ड ऑर्डर‘‘ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। इस मौके पर पेनलिस्ट सदस्य के रूप में देश के पूर्व राजनायिक एवं कनाडा के पूर्व उच्चायुक्त और रूस देश से विषय विशेषज्ञों एवं छात्रों ने कोविड एवं वर्ल्ड ऑर्डर पर अपने विचार रखे।
पूर्व राजनायिक एवं उच्चायुक्त एबेंसडर विष्णु प्रकाश ने आईएलएसआर द्वारा स्थापित सेन्टर फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स एंड लॉ का शुभारम्भ करते हुए कहा कि इस कोविड के दौर में राष्ट्र, राज्य अपनी शक्ति खोए हुए हैं, जिसमें चीन खासतौर पर है। साथ ही वैश्वीकरण का संकुचन हुआ है और संरक्षणवाद अपने चरम पर है। व्यक्तिगत स्तर पर समाज वर्चुअल दुनिया में पूरी तरह से संलिप्त हो चुका है। साथ ही यह भी कहा कि यूएसए अपने संक्रमण काल से गुजर रहा है। जो यह सोचकर चल रहे हैं कि यूएसए एक पतन के दौर से गुजर रहा है यह कहना जल्दबाजी होगी।
अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का संचालन जेएनयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजन कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो. राजन ने कहा कि कैसे पोस्ट कोल्ड वर्ल्ड वार यानि उत्तर शीत युद्ध काल अपने आप में ‘‘पोस्ट कोविड वर्ल्ड वार‘‘ में तब्दील हो गया है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के प्रख्यात विचारक जोसेफ नाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड ने पूर्व विद्यमान तनाव के क्षेत्र को और तीव्रता प्रदान की है। इस कोविड ने राज्य, व्यक्ति एवं समुदाय तीनों को प्रभावित किया हैं
रूस के केमरेवो स्टेट यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरील सैवलिन ने उक्त विषय पर अपने विचार स्पष्ट करते हुए कहा कि इसने लोगों को कई स्तर पर प्रभावित किया है। उद्योग धन्धे बंद हो गये। लोगों में डिमांड क्षमता कम हुयी है। साथ ही कोविड ने राज्य स्तर पर संरक्षण वाद एवं राष्ट्रवाद को तीव्रता प्रदान की। साथ ही मल्टीलिटेरिज्म के दोनों पक्षों पर बल दिया।
मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस भारत सरकार के वित्त आयोग, प्रभाग के निदेशक डॉ. भारतेन्दु सिंह ने कहा कि इस कोविड ने चीन को अत्याधिक प्रभावित किया है। साथ ही द्वि-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था के उभरने की आशंका जतायी।
वेबिनार में विधि विभाग के डीन प्रो. अविनाश दाधीच ने सभी आगन्तुक वक्ताओं का स्वागत किया। साथ ही अपने वक्तव्य में इंटर डिसिप्लेनरी (अंतर उपागम) पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान दौर में विषयों जैसे इंटरकनेक्शन का है, जहां पर अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड लॉ एवं अंतर्राष्ट्रीय भू अर्थनीति को एक साथ देखा जा सके।
विधि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं सीआइईएल के प्रमुख डॉ. संदीप त्रिपाठी ने सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स, लॉ के उद्देष्य एवं शोध कार्यक्रम की रूपरेखा को वेबिनार में साझा किया।
कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने वक्ताओं से सवाल-जवाब किये। सभी ने संबंधित छात्रों को सार्थक जवाब दिया। कार्यक्रम की शुरुआत आईएलएसआर के छात्र सूर्यांश दीक्षित ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन विभाग की छात्रा वैष्णवी सिंह ने किया।
जीएलए के विधि संस्थान में पोस्ट कोविड वर्ल्ड ऑर्डर पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार
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