लखनऊ। उत्तरप्रदेश में सोमवार से भले ही परिषदीय स्कूलों के बच्चों के लिए विद्यालय न खुल रहे हों लेकिन अभिभावकों के लिए यह स्कूल खुल गए हैं। ऐसे बच्चे जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के कोई संसाधन नहीं हैं उनके अभिभावकों को सप्ताह में अपने बच्चों का होमवर्क लेने के लिए स्कूल जाना होगा। घर में जो भी पढ़ा लिखा हो जैसे माता-पिता, चाचा-चाची, भाई-बहन वह स्कूल जा सकते हैं।
परिषदीय स्कूलों में वैसे तो अप्रैल से व्हॉट्सएप व अन्य माध्यमों से पढ़ाई के प्रयास हो रहे हैं लेकिन सभी समझ रहे हैं कि संसाधनों के अभाव में इन्हें ऑनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन यादव ने प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के द्वितीय चरण का जो शेड्यूल भेजा है उसमें बच्चों के स्थान पर अभिभावकों के माध्यम से शिक्षण सामग्री भेजने, होमवर्क कराने और इसे पूरा कराकर स्कूल लाने की जिम्मेदारी सौंप दी है।
हर घंटे स्कूल आएंगे 10 अभिभावक
आदेश के अनुसार विशेषकर ऐसे बच्चे जिनके अभिभावक व्हॉट्सएप से नहीं जुड़े हैं, उन परिवारों में पढ़े-लिखे सदस्यों को सप्ताह में एक दिन विद्यालय बुलाया जाएगा। उन्हें पूरे सप्ताह की शैक्षिक कार्ययोजना व कोर्स के बारे में जानकारी दे दी जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड 19 के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए हर घंटे 10 अभिभावकों को बुलाया जा सकता है।
शैक्षिक सामग्री साझा करेंगे
बच्चों को स्वयं सीखने के लिए अभिभावकों के माध्यम से उन्हें प्रेरित किया जाएगा। बच्चों को किताबें, वर्कबुक आदि उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके बावजूद अभिभावकों से संवाद कर उन्हें शैक्षणिक सामग्री जैसे किताबें, वर्कबुक (जहां न मिली हों) अन्य गतिविधियों से जुड़ी सामग्री आदि साझा की जाएगी। जो व्हॉट्सएप पर हैं उन्हें विशेष वीडियो भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
हर दिन खण्ड शिक्षा अधिकारी स्तर पर होगी समीक्षा
खंड शिक्षा अधिकारी, एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी), शिक्षक संकुल आदि के स्तर से हर दिन स्कूलों की समीक्षा की जाएगी। सप्ताह में एक बार ऑनलाइन समीक्षा बैठक होगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. पवन कुमार तिवारी ने बताया कि आदेश का पूरी तरह पालन कराया जाएगा। जो निर्देश पहले से मिले हैं, उसी के अनुसार शैक्षिक व्यवस्था चल रही है।