सुल्तानपुर। सुल्तानपुर में सोमवार को उस समय कानून-व्यवस्था तार-तार हो गई जब दबंगों ने घर के बाहर पानी भर रही एक किशोरी को जिंदा जलाकर मार डाला। परिजनों का आरोप है कि स्थानीय थाने की पुलिस पूरी तरह आरोपियों के साथ खड़ी है, तभी वो घटना के तीन घंटे के बाद मौके पर पहुंची। पूरे मामले में पीड़ित परिवार की तरफ से अभी तक कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी है। फिलहाल पुलिस मामले को संदिग्ध मानते हुए जांच कर रही है।
इन पर लगा आरोप
बल्दीराय थाना क्षेत्र के टड़सा मजरे एंजर गांव निवासी प्रदीप सिंह हत्या के एक मामले में जेल में बंद है। परिजनों का आरोप है कि सोमवार को प्रदीप सिंह की बेटी श्रद्धा सिंह दरवाजे पर लगे नल से पानी भर रही थी, तभी परसौली गांव के दबंग लोगों ने सरेआम उसे बंधक बनाकर दरवाजे पर ही केरोसिन तेल डालकर उसे जला दिया और फरार हो गए। आग की लपटों से घिरी बेटी की आवाज सुनकर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में उसे लोग सामुदायिक स्थ्य केन्द्र धनपतगंज ले गए। श्रद्धा सिंह की हालत गंभीर थी। है। वह 90 फ़ीसदी जल चुकी थी। इस अवस्था में उसका मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान हुआ और फिर डाक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया, जहां देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जमीनी रंजिश में हुई थी मारपीट
गौरतलब है कि दो जून को प्रदीप सिंह और परसौली गांव निवासी जयकरन के बीच जमीन में शव दफ़नाने को लेकर मारपीट हुई थी। इस दौरान प्रदीप सिंह के विपक्षी 80 वर्षीय वृद्ध कुंवर सिंह गंभीर रूप से घायल हुए थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने प्रदीप सहित 13 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर 8 लोगों को घायल अवस्था में ही अस्पताल से उठाकर जेल भेज दिया था। इस मामले में प्रदीप सिंह की पत्नी की तहरीर पर दूसरे पक्ष के नामजद 12 व एक अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने किसी की गिरफ़्तारी नहीं की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अगर पुलिस ने दूसरे पक्ष के खिलाफ भी कार्रवाई की होती तो सोमवार को हुई घटना टल सकती थी।
एसओ ने कहा नहीं मिली तहरीर, मामला संदिग्ध
थानाध्यक्ष बल्दीराय अखिलेश सिंह ने बताया कि प्रदीप सिंह और जयकरन के बीच रंजिश चल रही थी। इस मामले में परिवार की तरफ से कोई तहरीर नहीं प्राप्त हुई है। मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है और जांच की जा रही है।