लखनऊ। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हो रहे प्रयासों की डीएम ने समीक्षा की। स्मार्ट सिटी सभागार में हुई बैठक में डीएम ने निर्देश दिए कि खांसी-जुखाम, सांस के रोगी यदि टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव मिलते हैं तो होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे मरीजों के लिए होम आइसोलेशन खतरनाक हो सकता है।
डीएम अभिषेक प्रकाश ने निर्देश दिया कि ऐसे मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया जाए ताकि कोरोना से हो रही मौतों की संख्या कम हो सके। डीएम ने कहा कि खांसी जुखाम, बुखार और सांस के रोगियों का एंटीजन और आरटीपीसीआर दोनों ही टेस्ट कराएं। यदि एंटीजन निगेटिव आया तो आरटीपीसीआर जांच कराएं। ऐसे रोगियों को चिह्नित करने का कार्य चार गुना बढ़ाने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है।
अस्पतालों के लिए ‘डेथ ऑडिट’ अनिवार्य
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना मरीज की मौत किस कारण से हुई यह जानना आवश्यक है। यदि किसी रोगी की मृत्यु में अस्पताल की लापरवाही सामने आती है तो तुरंत उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।