नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढते केसों को देखते हुए दिल्ली में सार्वजनिक मंदिर, घाट और मैदानों में छठ पूजा की अनुमति दिए जाने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि त्योहार के लिए जिंदा रहना ज़रूरी है। गौरतलब रहे कि दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा करने की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद पूजा की अनुमति के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी।
छठ पर्व 18 नवंबर से 21 नवंबर तक मनाया जा रहा
इस साल छठ पर्व 18 नवंबर से 21 नवंबर तक मनाया जा रहा है। 18 नवंबर को इसकी शुरुआत हो गई है। इस दिन नहाय-खाय, 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को संध्या अघ्र्य और 21 नवंबर की सुबह के अघर््य के साथ इस महापर्व की समाप्ति होगी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को छठ पर्व से पहले अपने इलाकों के धार्मिक और सामाजिक नेताओं और छठ पूजा समितियों के साथ बैठक करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली में पिछली साल 565 जगह हुई थी पूजा
सरकार द्वारा दिल्ली में बीते साल 565 जगहों पर छठ पूजा का आयोजन किया गया था। गौरतलब रहे कि 2018 में दिल्ली में 268 घाटों पर छठ पूजा का आयोजन हुआ था, जबकि 50 जगहों पर स्थायी रूप से छठ घाटों का निर्माण किया गया था। छठ घाट के निर्माण तथा उसकी तैयारियों के लिए एक निगरानी समिति बनाई गई थी, जिसमें विधायक संजीव झा, तीर्थ यात्रा विकास समिति के अध्यक्ष कमल बंसल और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल थे।