पुराने जमाने में शारी समारोह का बहुत ज्यादा के्रेज था। शादियां धूमधाम के साथ हुआ करती थी। लेकिन अब शादी समारोह सिर्फ दो परिवारो के बीच तक सिमट कर रह गए हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार शास्त्रों में 16 संस्कार होते है। इनमें से एक संस्कार भी होता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति संन्यास नहीं लेता तो उसके लिए विवाह संस्कार आवश्यक है।
आज हम आपको शादी का एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे है, जिसको सुनकर आप हैरान जाएंगे। एक मंदिर में शादी समारोह था। जहां पर सभी लोग बहुत खुश थे। जब मंदिर पर दूल्हा बारात लेकर पंहुचा और जब दूल्हे ने दुल्हन की माँ को देखा तो उसने शादी करने से इंकार कर दिया। दूल्हे की इस प्रतिक्रिया से वहां पर जितने भी लोग थे सब हैरान रह गए। आखिर क्यों दूल्हे ने दुल्हन की माँ को देखकर शादी से इंकार कर दिया।
जानकारी के लिए बता दे की जैसे ही दूल्हा मंडप में पंहुचा उसने देखा की दुल्हन की माँ के चेहरे पर एक सफ़ेद सा दाग था, जिसकी वजह से दूल्हा भड़क गया और उसने शादी करने से मना कर दिया। उसने बताया कि दुल्हन की माँ को सफ़ेद दाग का रोग है यह बात उससे छिपाई गयी। इसके बाद लड़की वालों ने दूल्हे को मनाने की बहुत कोशिश की। लेकिन, उसने किसी की न सुनी और बहुत ही जयादा गुस्सा हो गया। लड़की के घर वालों ने जब पुलिस की सहायता ली और पुलिस ने पंचायत की मदद से मामले को शांत करने का प्रयास किया तब जाकर दूल्हा शांत हुआ।
यह मामला इतना बढ गया कि पंचायत हुई। पंचायत की बात मानते हुए दूल्हा शादी करने को राज़ी हो गया और आखिर शादी सम्पन हो गयी। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि हमारा समाज चाहे कितना भी पड़ा लिखा हो जाये आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग है, जिनकी मानसिकता अभी भी बहुत पुरानी है ।