नई दिल्ली। गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियों ने एक बार फिर से पाकिस्तान छोड़ने की चेतावनी दी है। एशिया इंटरनेट कोलिशन ने पाकिस्तान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि पाकिस्तान का मौजूदा डिजिटल सेंसरशिप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधे तौर पर हमला है। बता दें कि यह संस्था एशिया में गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसी टेक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है।
एशिया इंटरनेट कोलिशन और आलोचकों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा अधिकारियों को डिजिटल कंटेंट सेंसर करने का अधिकार इस्लामिक राष्ट्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोकने के उद्देश्य से दिया गया है। बता दें कि इसी साल फरवरी में इन सोशल मीडिया कंपनियों ने कहा था कि यदि सरकार अपने नियमों में संशोधन नहीं करती है तो वे पाकिस्तान छोड़ देंगी।
दरअसल पाकिस्तान में जो डिजिटल सेंसरशिप कानून बना है उसमें आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर कोई पैमाना तय नहीं किया गया है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति किसी कंटेंट को आपत्तिजनक मान सकता है और उसे हटाने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों से अपील कर सकता है। अपील के 24 घंटों के अंदर इन कंपनियों को कंटेंट को हटाना होगा, वहीं इमरजेंसी में यह समय सीमा 6 घंटे की होगी। इस सेंसरशिप के तहत सब्सक्राइबर, ट्रैफिक, कंटेंट और अकाउंट से जुड़ी जानकारी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करने का भी प्रावधान है। इसके अलावा सोशल मीडिया कंपनियों को पाकिस्तानी सरकार की ओर से चुनी गईं जांच एजेंसियों को यूजर्स का डिक्रिप्ट डाटा देना आवश्यक है। ऐसे में पाकिस्तान पूरी तरह से लोगों की निजी जिंदगी में दखल देना चाहता है।
50 करोड़ रुपये जुर्माने का है प्रावधान
नए कानून के मुताबिक इन कंपनियों को पाकिस्तान में अपना स्थायी ऑफिस खोलना होगा। इसके अलावा लोकस सर्वर भी बनाना होगा। साथ ही पाकिस्तान से बाहर रह रहे पाकिस्तानी लोगों के अकाउंट पर नजर रखनी होगी। कानून को तोड़ने पर 50 करोड़ रुपये के जुर्माना का प्रावधान है। कंपनियों ने अपने पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान का डिजिटल सेंसरशिप कानून 7 करोड़ इंटरनेट यूजर्स की निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का का उल्लंघन है। यदि इस कानून में बदलाव नहीं हुए तो पाकिस्तान छोड़ना पड़ेगा।