नई दिल्ली। मथुरा में गोवर्धन रोड चौड़ीकरण की योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के सामने सवाल खड़ा कर दिया है। यूपी सरकार द्वारा 3000 पेड़ काटकर सड़क बनाने की इजाजत मांगने के मामले में मुख्य न्यायधीश जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए इतने पेड़ काटे गए तो इसकी भरपाई कैसे होगी? कोर्ट के इस सवाल का जवाब देने के लिए प्रदेश सरकार ने अगले दो हफ्ते का समय देने को कहा है।
शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के पेड़ काटकर रोड बनाने के निर्णय पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सड़क को सीधी बनाने की क्या ज़रूरत है। सड़क पेड़ को बचाते हुए भी बनाई जा सकती है। जहां पेड़ सामने आ जाएं तो सड़क को दूसरी तरफ मोड़ा भी जा सकता है। इससे हादसे भी कम होंगे। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सीधी सड़क पर लोग तेज गति से गाड़ी चलाते हैं, जिससे हादसा होता है।
दरअसल, यूपी सरकार ने मथुरा में कई धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले गोवर्धन रोड के चौडीकरण कर रोड बनाने के लिए 3000 पेड़ काटने की इजाज़त कोर्ट से मांगी थी। इसी मामले को लेकर आज सुनवाई हुई, जिसमें चीफ जस्टिस ने ये सवाल उठाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पेड़ को सिर्फ एक लकड़ी नहीं समझा जा सकता। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगते हुए कोर्ट ने कई सख्त टिप्पणी की।