आगरा। हवाई जहाज के यात्रियों के लिए अलग से रास्ता देने से वायु सेना के इनकार करने के बाद अब पुलिस, प्रशासन, नागरिक उड्डयन और वायुसेना के अधिकारी बैठक कर विकल्प तलाशेंगे। पांच महीने पहले प्रशासन ने यात्रियों के लिए डेडिकेटिड कॉरिडोर का प्रस्ताव बनाया था। सुरक्षा संबंधी कारणों से वायु सेना के अफसरों ने इसे मंजूरी नहीं दी थी।
हवाई जहाज के यात्रियों को वायुसेना स्टेशन के अर्जुन नगर गेट से होकर जाना पड़ता है। यहां सुरक्षा कारणों से औपचारिकताएं ज्यादा हैं। इस कारण यात्रियों को परेशानी होती है और समय भी ज्यादा लगता है। इसे देखते हुए जून, 2020 में प्रशासन ने अर्जुन नगर गेट से सिविल टर्मिनल भवन तक अलग से रास्ता (डेडिकेटेड कॉरीडोर) बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि सिविल एंकलेव के रास्ते को लेकर कुछ बिंदुओं पर असहमति है। भारतीय विमानपत्तन व वायु सेना अधिकारियों के साथ जल्द बैठक होगी। इसमें रास्ता निकाला जाएगा
सिविल एंक्लेव का निर्माण अधूरा, अभी तक एनओसी भी नहीं
सिविल एंक्लेव (हवाई अड्डे) का निर्माण भी अधर में लटका है। बल्हेरा, धनौली, अभयपुरा गांव की 55 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित नए सिविल एंक्लेव के लिए भूमि अधिग्रहण, चहारदीवारी, बिजली लाइन शिफ्टिंग, ड्रेनेज सिस्टम समेत कई काम अधूरे पड़े हैं। 2300 मीटर लंबी चहारदीवारी का निर्माण होना है। 2000 मीटर दीवार बन चुकी है। 230 मीटर जमीन पर विवाद के कारण सीमांकन नहीं हो सका।
सिविल टर्मिनल भवन निर्माण के लिए पर्यावरण व प्रदूषण विभाग की अनापत्ति नहीं ली गई। नए सिविल एंक्लेव के बाहर ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। सर्वे कराकर एस्टीमेट प्रशासन को देना है। टर्मिनल भवन के सामने के हिस्से के लिए 440 मीटर भूमि स्टेट हाईवे 39 पर चाहिए। जबकि 110 मीटर लंबाई में ही भूमि उपलब्ध हो सकी है। इसमें भी कई किसानों के मकान व अन्य निर्माण को लेकर असहमति है। सिविल एंक्लेव की भूमि पर विद्युत लाइन गुजर रही है। इन्हें हटाया जाएगा। इसके अलावा पूरी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना है।