एटा। एटा में पुलिस विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां 6 साल पहले अलीगंज पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत से जुड़ी पोस्टमार्टम की सीडी ही गायब हो गई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी को नोटिस भेजकर 6 सप्ताह में सीडी तलाश कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। आयोग का नोटिस मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने गायब वीडियो सीडी की तलाश तेज कर दी है। सीडी गायब होने के मामले में जिम्मेदार विवेचकों पर गाज गिर सकती है।
एसएसपी को 6 सप्ताह की मिली मोहलत
मानवाधिकार हनन से जुड़े इस प्रकरण की शिकायत जिले के कस्बा जैथरा निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट सुनील कुमार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली में दर्ज कराई थी। आयोग ने पुलिस हिरासत में मौत से जुड़े इस प्रकरण की जांच आयोग की अन्वेषण शाखा को सौंप दी। आयोग ने पूर्व में जिले के डीएम व एसएसपी को सशर्त समन भेजकर पोस्टमार्टम से जुड़े अभिलेख तलब किए थे। जिसमें एएसपी क्राइम ने मुकदमा में अंतिम रिपोर्ट प्रेषण की जानकारी देते हुए आयोग को आख्या भेज दी। एएसपी ने सीडी तलाशने के लिए और समय देने का अनुरोध किया, जिस पर आयोग ने एसएसपी को 6 सप्ताह का समय देते हुए सीडी तलाश कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
आयोग के नोटिस के बाद पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया है। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम की वीडियो सीडी न पुलिस ऑफिस में मिल रही है और न ही कोर्ट में। ऐसे में जिम्मेदार विवेचकों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
ये था पूरा मामला
मैनपुरी जनपद के ग्राम भोजपुर निवासी बालकराम 22 जुलाई, 2014 को साइकिल से घरेलू सामान व बाजरा खरीदने के लिए अलीगंज बाजार आया था। जैसे ही साईकिल अलीगंज के अकबरपुर रोड स्थित तिराहा पर बेरिया के बाग के समीप पहुंची, तभी अलीगंज पुलिस की जीप आई, उसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष आरके अवस्थी, उपनिरीक्षक राजकुमार, सिपाही ओमवीर, सिपाही प्रवीण उतरकर आये और बदमाश कहकर जबर्दस्ती बालकराम को गाडी में डालकर कोतवाली ले गये। आरोप है कि थाने ले जाकर तत्कालीन क्षेत्राधिकरी अलीगंज शमशेर बहादुर सिंह के निर्देश पर चारों पुलिसकर्मियों ने बालकराम की पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह खबर किसी तरह गांव पहुंच गई और जहां से यह खबर क्षेत्र में फैल गई।
जमकर हुआ था हंगामा
पुलिस की कार्यशैली से आक्रोशित ग्रामीणों ने एटा-अलीगंज मार्ग स्थित कायमगंज तिराहा पर हंगामा काटते हुये 23 जुलाई यानि बुधवार को सुबह करीब 8 बजे जाम लगा दिया। पुलिस ने परिजनों को जानकारी दिए बगैर शव को अज्ञात में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बालकराम का कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं था। जिले के कस्बा जैथरा निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट सुनील कुमार ने इस पूरे मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में करते हुए प्रकरण की स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग उठाई थी।