मनमोहन पारीक की रिपोर्ट
वृंदावन। मंदिरों की नगरी वृंदावन में 12 वर्ष के अन्तराल में यमुना तट पर लगने वालीे कुंभ मेला बैठक की तैयारियां जिला प्रशासन द्वारा शुरु कर दी गई है। इस बार टटिया स्थान से लेकर केशीघाट तक और यमुना नदी के दोनों ओर 56 हेक्टेयर क्षेत्र में आयोजित होने वाली कुंभ मेला बैठक में संत महंतों द्वारा खालसा लगाए जाएंगे। अखाड़ा परिषद ने कुंभ मेला बैठक के ध्वजारोहरण और शाही स्नानों की तिथियों की घोषणा की है।
अखाड़ा परिषद ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष हरिशंकर दास नागा ने बताया कि परिषद और इससे जुड़े संत समाज द्वारा भी हरिद्वार में लगने वाले कुंभ से पहले वृंदावन कुंभ बैठक की तैयारियों की जा रही है। यमुना तट पर 16 फरवरी से 26 मार्च तक इसका आयोजन होगा। इसमें बसंत पंचमी तिथि से वृंदावन कुंभ का शुभारंभ अखिल भारतीय पंच वैष्णव तीनों अनी अखाड़ों के प्रमुखों द्वारा किया जाएगा। इन तीनों अनी अखाड़ों में श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़ा, श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़ा और श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़ा हैं।
उन्होंने बताया कि कुंभ मेला स्थल में यमुना किनारे 16 फरवरी बसंत पंचमी को प्रात: ध्वजारोहण के साथ कुंभ मेला बैठक का शुभारंभ होगा। इसके साथ ही वैष्णव संत महंतों द्वारा कुंभ मेला में अपने निर्धारित प्लॉटों पर खालसा यानि विशाल पंडाल लगाए जाएंगे। जिनमें कुंभ मेला बैठक के समय विभिन्न धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। मेला का समापन रंगभरनी एकादशी 25 मार्च को हागा।
महंत हरिशंकर दास नागा ने बताया कि कुंभ मेला बैठक में तीन शाही स्नान होने से पहले अखाड़ों के संत महंतों द्वारा नगर में शाही सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इसके पश्चात संत, महंत और महामण्डलेश्वर सवारी के साथ यमुना शाही सवारी के साथ यमुना तट पर पहुंचेंगे और स्नान करेंगे। इसके पश्चात यमुना में कुंभ मेले में आने वाले श्रृद्धालु जन स्नान करेंगे।
वृंदावन कुंभ मेला में प्रमुख तीन शाही स्नान की तिथियां
प्रथम शाही स्नान- माघ पूर्णिमा – 27 फरवरी
द्वितीय शाही स्नान- विजया एकादशी- 9 मार्च
तृतीय शाही स्नान- अमावस्या- 13 मार्च
- खबर के साथ सभी फोटो सांकेतिक