Tuesday, April 22, 2025
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मां भारती के जयघोष के साथ जी.एल. बजाज में मना विजय दिवस


अब तक मथुरा के 69 सैनिकों ने दी कुर्बानीः कर्नल विक्रम सिंह


मथुरा। बुधवार दोपहर जी.एल. बजाज ग्रुफ आफ इंस्टीट्यशंस में मां भारती के जयघोष और तिरंगे को सलामी देते हुए विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त कर्नल विक्रम सिंह ने कहा कि बहुत कम लोगों को देश पर जान कुर्बान करने का मौका मिलता है। हर फौजी जान हथेली पर रखकर हमेशा इसके लिए तैयार रहता है। यह गर्व और गौरव की बात है कि मथुरा के 69 पराक्रमी सैनिकों ने अब तक देश की आन-बान-शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।


कर्नल विक्रम सिंह जोकि 1971 की पाकिस्तान से हुई लड़ाई में शामिल थे, अपने उद्बोधन में बताया कि भारत के सैन्य इतिहास में अब तक जनरल सैम मानेकशॉ यानि सैम बहादुर सा कोई दूसरा पैदा नहीं हुआ है। सैम मानेकशॉ का सैनिक जीवन और निजी जीवन हर भारतीय के लिए नजीर होना चाहिए। कर्नल सिंह ने बताया कि मानेकशॉ की जिन्दादिली, अनुशासन, स्पष्टवादिता और साहस के साथ संवेदनशीलता के इतने किस्से कहानियां हैं, जिनकी सच्चाई पर संदेह होता है लेकिन सच यह है कि आज तक उन जैसा कोई जिन्दादिल सेनाध्यक्ष पैदा ही नहीं हुआ है।


इस अवसर पर कर्नल सिंह ने कहा कि विजय दिवस तत्कालीन सेनाध्यक्ष मानेकशॉ और वायु सेनाध्यक्ष अर्जुन सिंह के आपसी सामंजस्य का जीता-जागता उदाहरण है। इनके पराक्रमी कौशल का ही नतीजा था कि 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को अपने हथियार डालने को मजबूर होना पड़ा था। कर्नल सिंह जोकि मथुरा के ही रामपुर गांव के हैं, इन्होंने अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध सेना में जाने का फैसला लिया और देश की अस्मिता में चार चांद लगाए।


अमृतसर में तैनात कर्नल वरुण बाजपेयी ने आनलाइन अपने उद्बोधन में कहा कि जब युद्ध चल रहा होता है तब किसी सैनिक को यह पता नहीं होता कि धुआं और धूल के गुब्बार के बीच किस गोली पर आपका नाम लिखा है, मगर भारतीय सैनिक अपनी छाती को फौलाद मानकर हमेशा आगे बढ़ते हैं। घायल साथियों को देखकर बस एक बात ही जेहन में आती है कि अब इनका बदला हमें लेना है। इससे जोश और उत्साह दोगुना हो जाता है। कर्नल बाजपेयी ने विजय दिवस को भारतीय परिप्रेक्ष्य में बहुत बड़ी उपलब्धि मानते हुए कहा कि सेना की जांबाजी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कूटनीति से ही भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त देकर पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) को आजाद कराया था।


विजय दिवस पर जी.एल. बजाज के बी.टेक. प्रथम वर्ष के छात्र विवेक पाल धनकर तथा छात्रा रितिका भारद्वाज ने देशभक्तिपूर्ण गीत सुनाए। संस्थान की निदेशक डा. नीता अवस्थी ने मुख्य अतिथि कर्नल विक्रम सिंह का स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया। आभार डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. श्रवण कुमार ने माना। कार्यक्रम का संचालन स्पोर्ट्स आफीसर शुभम शर्मा ने किया।

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