आगरा। सदर थाना क्षेत्र के रोहता स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा से 56.94 लाख रुपये की डकैती का सुराग घटना के पांच दिन बाद जेल से मिला है। बदमाशों को बैंक की जानकारी लीक करने वाला बैंक का ही अस्थाई कर्मचारी निकला। जिसे पुलिस ने दबोच लिया है। आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस ने बैंक कर्मचारी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। तीन और लुटेरों की तलाश जारी है। पुलिस को मलपुरा के एक गांव से डकैती के 40 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं।
आपको बता दें कि बीते 15 दिसंबर की शाम चार बदमाश ने तमंचा और चाकू दिखाकर रोहता स्थिति इंडियन ओवरसीज बैंक में डांका डाला गया था। हथियार दिखाकर बैंक मैनेजर और अन्य कर्मचारियों को बंधक बनाया था। महज 15 मिनट में 56.94 लाख रुपये बदमाश ले गए थे। इसके बाद आगे चलकर बदमाशों की बाइक खराब हो गई थी। जिसे धक्का मारकर बदमाश ले गए थे।
बता दें कि, बैंक डकैती के बाद भागते बदमाशों के फोटो सीसीटीवी से पुलिस को मिले थे। कहीं से सुराग न मिलने पर पुलिस की एक टीम फोटो लेकर जेल में बंद अपराधियों से मिली। उन्हे बदमाशों के फोटो दिखाया गया। जेल में बंद एक कैदी ने एक बदमाश पहचान लिया। वह बदमाश खंदारी निवासी ठाकुरदास है। पुलिस टीम उसके घर पर पहुंचीं, लेकिन वह नहीं मिला। बदमाश ठाकुरदास के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई तो पुलिस हैरान रह गई। ठाकुरदास और बैंक के अस्थाई कर्मचारी पुनीत से कई बार बातचीत हुई थी। इसके बाद पुलिस ने पुनीत से सख्ती से पूछताछ की।
रविवार देर रात पुलिस ने पुनीत की निशानदेही पर वारदात में शामिल चार और बदमाश पकड़ लिए हैं। सभी ने डकैती डालने का राज खोल दिया है। पुलिस ने रविवार के मलपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव से डकैती की बड़ी रकम बरामद कर ली है। यह रकम एक बदमाश की रिश्तेदारी से मिली है।
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा में डकैती के मामले में अहम सुराग मिले हैं। बैंक के अस्थाई कर्मचारी पुनीत कुमार, ठाकुरदास, रंजीत और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। 40 लाख रुपए बरामद कर लिए हैं। लुटेरे बैंक कर्मचारी पुनीत से मिले हुए थे। जो कि खंदारी एवं अन्य क्षेत्रें के हैं। बैंक लूट का प्लान ठाकुरदास ने बनाया था। बैंक लूट डकैती में दो मोटरसाइकिल प्रयुक्त की गई थी। वह भी बरामद कर ली है।