छाता। छाता नगर के वार्ड संख्या 8 में शहीद पार्क लंबे समय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ब्रिटिशकालीन शहीद स्मारक इन दिनों नशेबाजों का जहां अड्डा बना है वहीं आसामाजिक तत्वों ने अशोक स्तम्भ को तोड़ दिया है। स्थानीय लोगों ने कई बार शहीदों के सम्मान में बने ब्रिटिशकालीन स्मारक की दशा से नगर पंचायत को अवगत कराया। इसके बावजूद पिछले तीन साल से स्थिति जस की तस बनी है।
जहां एक तरफ केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार देशवासियों में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना को जागृत करने का प्रयास कर रही हंैं। वहीं छाता नगर क्षेत्र में शहीदों के सम्मान में बनाए गए शहीद पार्क और स्मारक नगर पंचायत की अनदेखी के चलते खंडहर में तब्दील हो रहा है। काबिलेगौर बात यह है कि नगर पंचायत और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस ओर से पीठ कर लेने से शहीद स्मारक नशेबाजों का अड्डा बन गया। अशोक स्तम्भ को तोड़ दिया गया है। लेकिन नगर पंचायत अध्यक्ष एवं अधिकारी शहीद स्मारक की लगातार अनदेखी कर रहे हैं।
छाता के पूर्व सभासद रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि शहीदों के सम्मान में देश के आजाद होने पर शहीद पार्क और उसके अन्दर स्मारक बनाया गया। लेकिन नगर प्रचायत ने इस स्मारक की कभी भी सुध नहीं ली। परिणाम स्वरुप यह खंडहर होता जा रहा है।
स्थानीय निवासी यशपाल ठाकुर का कहना है कि शहीद स्मारक का सौंदर्यीकरण होना चाहिए। लेकिन छाता नगर पंचायत की अनदेखी के कारण शाम होते ही स्मारक नशेबाजों का अड्डा बन जाता है। इसके बारे में कई बार नगर पंचायत को अवगत कराया गया, लेकिन स्थिति में किसी तरह का सुधार नहीं हो पा रहा ह।
विष्णु शर्मा एवं राजवीर बघेल ने बताया कि शहीद स्मारक में गंदगी का अंबार लगा है। शहीद भगत सिंह की मूर्ति की भी देखरेख नहीं की जा रही है। यहां पत्थर की अशोक स्तम्भ को तोड़ दिया गया। लेकिन करोडा़ें रुपए के विकास कार्य और स्वच्छता का दावा करने वाले नगर पंचायत का इस ओर ध्यान में नहीं है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से शहीद स्मारक की दशा सुधारने की मांग की है।