Sunday, November 24, 2024
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अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में बहुभाषावाद व द्विभाषी प्रयोग पर जोर


जी.एल. बजाज में तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन


मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस छात्र-छात्राओं ही नहीं प्राध्यापकों के बौद्धिक विकास पर भी निरंतर ध्यान देता रहता है। इसी कड़ी में यहां तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। एफडीपी का शीर्षक कक्षा में लर्न, अनलर्न एण्ड रिलर्न द कोऑपरेटिव, क्रिएटिव और क्रिटिकल थिंकिंग था।
आनलाइन हुए फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में 16 देशों बांग्लादेश, इंडोनेशिया, बाकू, यूएई, मलेशिया, फिलिस्तीन, तुर्की, कतर, इंडोनेशिया, मिस्र, ब्राजील, मैक्सिको, मोरक्को, बोलीविया, अमेरिका आदि के 2475 लोगों ने सहभागिता की।

कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रो. हरलीन कौर, एफडीपी सह संयोजक ने सभी प्रतिभागियों व सभी वक्ताओं का स्वागत कर किया। संस्थान की निदेशक डॉ. नीता अवस्थी ने अपने प्रेरक शब्दों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को इस एफडीपी से लाभान्वित होने के लिए प्रेरित किया। प्रो. श्रवण कुमार, एफडीपी, संयोजक ने फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की अवधारणा के बारे में जानकारी दी।

फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में यूनिवर्सिटी ऑफ काक्सियास की डॉ. मारिया वलीसिया सिल्वा ने एब्सट्रैक्ट राइटिंग और ऑनलाइन टूल्स, बोस्टन, मैसाचुसेट्स, यूएसए के डॉ. लिज गिंग ने अंग्रेजी में अकादमिक लेखन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ब्राजील के डॉ. एस्टेला रोंडॉन ने सफल शिक्षक बनने के उपाय सुझाए वहीं टीसीएस की पूर्व बिजनेस इंग्लिश कंसल्टेंट ललिता मूर्ति ने कौशल विकास, प्रो. एस. मोहनराज ने बहुभाषावाद और अनुवाद पर जोर दिया। प्रो. नीलिमा शर्मा, एसोसिएट उपाध्यक्ष, ट्रिनिटी कॉलेज ने लंदन के बारे में बात करते हुए सीईएफआर के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।

वक्ताओं ने क्रिटिकल थिंकिंग पर बोलते हुए कहा कि क्रिटिकल थिंकिंग हमारे सोचने का ही एक तरीका है जिसमें हम एक लॉजिकल और स्वतंत्र सोच के साथ किसी समस्या का उपयुक्त हल निकालते हैं। इसमें हमें अपनी सोच का इस तरह विश्लेषण करना होता है कि हम अपने दिमाग में आए आइडिया को सही रूप दे सकें। वक्ताओं ने बताया कि जब आप किसी भी स्थिति में स्पष्ट व व्यवस्थित तरीके से सोचना सीख जाते हैं तभी दूसरों के सामने खुद को बेहतरीन तरीके से प्रजेंट कर पाते हैं।

वक्ताओं ने कहा कि किसी समस्या का सबसे अलग और रचनात्मक हल निकालने के लिए आपको कुछ नए आइडियाज दिमाग में लाने होंगे जोकि मौजूदा स्थिति से पूरी तरह सम्बन्ध रखते हों। ऐसे आइडियाज निकालते समय आपके दिमाग की क्रिएटिविटी खास रोल निभाती है। किसी भी प्रश्न का उपयुक्त उत्तर बिना ज्ञान के नहीं दिया जा सकता। इसके लिए आपको उन स्थितियों का विश्लेषण करना होगा। जी.एल. बजाज के रजिस्ट्रार विपिन धीमान ने एफडीपी रिपोर्ट पढ़ी। प्रो. (डॉ.) श्रवण कुमार ने सभी वक्ताओं तथा प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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