Saturday, November 23, 2024
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2 साल से चोरी की कार चला रहे थे थानेदार, विकास दुबे कांड में हुए थे जख्मी

कानपुर। पुलिस ने एक बार फिर खाकी की गरिमा को तार-तार करने का काम किया है। इस बार थानेदार द्वारा चोरी की कार चलाने का मामला सामने आया है। यह खुलासा तब हुआ जब थानेदार ने कार को सर्विस सेंटर भेजा। थानेदार इस कार का पिछले दो साल से चले रहे थे। काबिलेगौर बात यह है कि यह वही थानेदार हैं जो गैंगस्टर विकास दुबे के साथ हुए एनकाउंटर में घायल हुए थे। इस एनकाउंटर में सीओ सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

कानपुर के बिठूर के थानेदार कौशलेन्द्र प्रताप सिंह पर आरोप है कि वह बड़ी शान से चोरी की कार चला रहे थे। बिना नम्बर की कार चला रहे थानेदार तब लपेटे में आ गए, जब उन्होंने इस कार को सर्विस के लिए ऑथराइज्ड सर्विस सेन्टर भेज दिया। सर्विस सेंटर ने कार की सर्विस कर थानेदार कौशलेन्द्र को वापस कर दी। कुछ दिनों बाद गाड़ी की सर्विस का फीडबैक लेने के लिए सर्विस सेन्टर से कार मालिक को फोन किया गया। यह फोन कार की चेसिस नम्बर के आधार पर उसके ओरिजनल मालिक को किया गया।

मालिक दो साल बाद कार की सर्विस के फीडबैक की कॉल सुनकर चौंक गया, तब खुलासा हुआ कि चोरी की गई कार सर्विस के लिए सर्विस सेंटर भेजी गई थी। ठीक 2 साल पहले 31 दिसंबर को हुई थी कार चोरी असल कार मालिक ने जब सर्विस सेंटर से कार चोरी के दो साल आई कॉल के बाद कार के बारे में पता किया तो जानकारी हुई कि गाड़ी को सर्विस के लिए बिठूर के थानेदार कौशलेन्द्र प्रताप ने भेजा था। यह गाडी बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा-2 में रहने वाले ओमेंद्र सोनी की थी। ओमेंद्र ने बताया कि 31 दिसंबर 2018 को रतनलाल नगर से उनकी कार वैगन आर चोरी हो गई थी। इसकी एफआईआर उन्होंने 4 जनवरी को दर्ज कराई थी।


गाड़ी की जानकारी होने पर ओमेंद्र सर्विस सेंटर पहुंचे, यहां उन्हें पता चला कि उनकी गाड़ी बिठूर एसओ ने सर्विस कराने भेजी थी। एसओ ने उन्हें कार वापस करने का आश्वासन दिया। यही नहीं उस पर दबाव बनाया कि वह मामले की शिकायत अधिकारियों से नहीं करे। इधर मामला सामने आने के बाद पुलिस के अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने के बजाए पीड़ित को मैनेज करने में जुटे हैं, जिससे विभाग की किरकिरी होने से बचा जा सके।

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