ई-काम के बाद लघु व्यवसाय से जुड़ें युवाः स्नेहा जैन
मथुरा। बीते साल वैश्विक महामारी कोरोना ने समूची दुनिया की आर्थिक स्थिति को तहस-नहस कर दिया। इससे युवा पीढ़ी सबसे अधिक प्रभावित हुई। युवाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हुआ तो शैक्षिक गतिविधियां भी प्रभावित हुईं। ऐसे नाजुक समय में युवा पीढ़ी के सपनों को यदि किसी क्षेत्र से उम्मीद दिखी तो वह है डिजिटल मार्केटिंग। यह ऐसा क्षेत्र है जिसमें युवा पीढ़ी अपनी सोच को बदलते हुए मनचाही सफलता हासिल कर सकती है। शुक्रवार को राजीव एकेडमी फार टेक्नोलाजी एण्ड मैनेजमेंट के बी.ई.काम. विभाग द्वारा आयोजित आनलाइन कार्यशाला में एस.जे. क्रिएशन की फाउण्डर और क्रिएटिव हेड स्नेहा जैन ने छात्र-छात्राओं को डिजिटल मार्केटिंग से जुड़े विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।
सुश्री जैन ने विद्यार्थियों को डिजिटल मार्केटिंग और उसके विभिन्न घटकों पर चर्चा करते हुए पोस्ट कोविड टाइम में इसके महत्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मार्केटिंग, सर्च इंजन आप्टिमाइजेशन, वेब डिजाइनिंग, कण्टेण्ट मार्केटिंग आदि सभी डिजिटल मार्केटिंग के बेहतरीन उदाहरण हैं। छात्र-छात्राओं ने रिसोर्स परसन से ई-काम करने के बाद क्या करना चाहिए, किस कोर्स की भविष्य में अधिक मांग होगी आदि बातों को जानना चाहा।
सुश्री जैन ने कहा कि विद्यार्थी ई-काम करने के बाद लघु व्यवसाय से जुड़ें इससे उन्हें काफी लाभ हो सकता है। यह उनके करिअर के लिए अच्छा प्लेटफार्म तैयार करने में भी बहुत मददगार सिद्ध होगा। इस क्षेत्र में जाने से पहले विद्यार्थी को अपना दृष्टिकोण बदलना होगा तथा औद्योगिक एवं व्यावहारिक जरूरत को प्राथमिकता देनी होगी।
सुश्री जैन ने कहा कि शिक्षाविदों और उद्योगपतियों के बीच में बनी खाई को विद्यार्थियों का सकारात्मक दृष्टिकोण ही पाट सकता है, हर छात्र को डिजिटल मार्केटिंग के बड़े कार्पोरेट के साथ अपनी व्यापारिक टिप्स प्राप्त करने की हमेशा जिज्ञासा रखनी चाहिए।
आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डा. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि आर.ए.टी.एम. सभी छात्र-छात्राओं को कार्पोरेट जगत में ऊपर उठते हुए देखना चाहता है। राजीव एकेडमी युवा पीढ़ी को उद्योग जगत में आगे बढ़ाने की दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है। डा. अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर अपना लक्ष्य हासिल करने की कोशिश करें। संस्थान के निदेशक डा. अमर कुमार सक्सेना ने वक्ता स्नेहा जैन का आभार मानते हुए छात्र-छात्राओं को कार्यशाला से मिले ज्ञान पर अमल करने का आह्वान किया।