अरुण यादव की रिपोर्ट
वृंदावन। दक्षिण भारतीय शैली के रँग मन्दिर में शनिवार से 5 दिवसीय माँ गोदम्माजी का विवाहोत्सव धूमधाम से शुरू हुआ। माँ गोदम्माजी घूंघट ओढ़े चाँदी की पालकी में विराजमान हो कर निज मन्दिर से निकली। माँ सोलह श्रृंगार से सुशोभित माँ गोदम्मा के दर्शन कर भक्तजन खुशी से झूम उठे और भाव नृत्य करने लगे।
विवाहोत्सव के दौरान परम्परागत वाद्य यंत्रों की मधुर धुन के बीच माँ गोदम्मा जी की सवारी मन्दिर परिसर में भृमण कर शेषशैय्या पर विराजमान भगवान विष्णु के समक्ष पौंडानाथ मन्दिर पहुँची। जहाँ विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। यहां से मंदिर के आचार्यों और सेवकों द्वारा माँ गोदम्मा जी को बारहद्वारी स्थित मण्डप में ले जाया गया। हल्दी, चन्दन, केशर,विभिन्न नदियों के पवित्र जल आदि से अभिषेक किया गया। इसके बाद उनके केश संभाले गए। इस दौरान मन्दिर के सेवायत पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रों का पाठ अनवरत रूप से किया जा रहा था।
रँगनाथ मन्दिर में माँ गोदम्मा जी भगवान श्री कृष्ण को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए एक माह तक वृत रखती हैं जिसे धनुर्मास कहा जाता है। इस मास के अंतिम 5 दिन विवाहोत्सव के होते हैं। इस विवाहोत्सव के दर्शनों के लिए स्थानीय भक्तों के साथ साथ बाहर से आये श्रद्धालु भी मन्दिर पहुँच रहे हैं।