मथुरा। यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए केन्द्र सरकार नमामि गंगे योजना के तहत करोड़ों की धनराशि खर्च कर रही हैं, वहीं जिला प्रशासन और नगर निगम केन्द्र सरकार की योजना को पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। मथ्ुारा शहर का सबसे बड़ा मसानी नाला यमुना में सीधे खोल दिया गया। जिससे यमुना में शहर का कचरा जाने के साथ ही दूषित पानी भी जा रहा है। इससे यमुना में आस्था रखने वाले श्रृद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं।
केन्द्र की मोदी सरकार की नमामि योजना के अन्तर्गत मथुरा एवं वृंदावन में नालों को टैपिंग करने और सीवर सिस्टम को अपडेशन का कार्य किया जा रहा है। यूपी सरकार यमुना में एक बूंद दूषित पानी न गिरने देने का दावा किया जा रहा है। जबकि मथुरा शहर का सबसे बड़ा मसानी नाले का दूषित पानी सीधे यमुना में गिर रहा है। वहीं वृंदावन में कोसी ड्रेन का दूषित पानी सीधे यमुना में गिर रहे हैं। जिससे यमुना प्रदूषित हो गई है। जलचरों के भी मरने की आशंका बनी हुई। वहीं कृष्ण की पटरानी यमुना में आस्था रखने वाले श्रृद्धालुओं भी आहत हो रहे हैं।
काबिलेगौर बात यह है कि यमुना को निर्मल और अविरल करने की मांग को लेकर दो दशक से कई बड़े आन्दोलन और पदयात्रा निकाली गई। लेकिन वे आन्दोलन भी केन्द्र एवं प्रदेश सरकार हठधर्मिता के आगे बेअसर साबित हुए।