जीएलए द्वारा गोद लिए आझई और जैंत के स्कूली बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने को स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर किया जागरूक
मथुरा। कोरोना काल में नौनिहालों के भविष्य को संवारने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने अनूठा कार्य किया है। गोद लिए स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों हेतु ऑनलाइन पढ़ाई का दायरा बढ़ाने के लिए बच्चों के घर-घर जाकर ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं।
विदित रहे कि आझई और जैंत में पांच स्कूलों को जीएलए ने गोद ले रखा है। ब्रज शिक्षा कायाकल्प के तहत इन स्कूलों का कायाकल्प भी कराया गया है। षिक्षकों के साथ-साथ अब बच्चों को दीवार भी पढ़ाती हैं। यानि स्कूल की दीवार भी अ से ज्ञ तक बच्चों को शिक्षा देती हैं, लेकिन कोराना महामारी की परिस्थितियों ने बच्चों की पढ़ाई पर ग्रहण लगा दिया है। जीएलए ने बच्चों के भविष्य के अनुरूप आगे कदम बढ़ाते हुए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की है।
इस ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था में सभी बच्चे सम्मिलित हों इसके लिए स्वयंसेवकों द्वारा (डिस्टेंस एजूकेषन) हेतु घर-घर जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है कि वह अपने बच्चों को मोबाइल के माध्यम से भी बेहतर शिक्षा दिला सकते हैं, इसके लिए जीएलए विष्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए स्कूलों में विभिन्न सुविधाएं मुहैया करायी गयी है, जो कि बच्चों को घर बैठे शिक्षा प्रदान करेंगी।
जीएलए के डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा चलाई गई एक अनोखी पहल के माध्यम से गोद लिए गये विद्यालय आझई खुर्द एवं जैत के स्वयंसेवकों द्वारा घर घर जाकर बच्चों एवं अभिवावकों से शिक्षा एवं कोविड-19 के विषय पर चर्चा की। साथ ही बच्चों से वार्ता कर बच्चों को पढ़ने हेतु कुछ समान देकर पढाई के प्रति मनोबल बढ़ाया।
विश्वविद्यालय के सहनिदेषक पुश्कर शर्मा एवं स्कूल प्रोजेक्ट के कॉर्डिनेटर मयंक पंत ने बताया कि ब्रज क्षेत्र शिक्षा कायाकल्प के योजना के अंतर्गत आझई खुर्द एवं जैत के विद्यालयो में सफाई एवं शौचालय तथा पेयजल की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए आधुनिकरण तकनीकों द्वारा कार्य कराये गये। वहीं ब्रज क्षेत्र शिक्षा कायाकल्प के माध्यम से शिक्षा से वंचित बच्चों की बेहतर शिक्षा हेतु घर-घर जाकर अभिभावकों को प्रोत्साहित भी किया गया है।
उन्होंने बताया कि बाल श्रम उन्मूलन हेतु जागरूक कर गरीब बच्चों को शिक्षा सामग्री व अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराकर प्रति एक बच्चे को स्कूल व शिक्षा से जोड़कर उनके बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं एवं परिवार व समाज को जोड़ने के साथ-साथ सभी को शिक्षा के लिए प्रेरित कर रहे हैं।