नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आने के बाद लोगों में संशय की स्थिति बनी है। उनके मन में वैक्सीन को लेकर एक ही सवाल आ रहा है कि कोरोना वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं। इस बीच जनता की ओर से सरकार से अपील की जा रही है कि कोरोना टीकाकरण के पहले फेज में एमएलए, एमपी, मंत्री और जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। ताकि लोगों के मन से टीकाकरण को लेकर डर निकल सके।
कोरोना महामारी के बीच देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन (टीकाकरण) प्रोग्राम शुरू होगा। इस बीच तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने अपील की है कि टीकाकरण के फस्र्ट फेज में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में टीकाकरण के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं।
दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शनिवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नरों के साथ कोविड-19 टीकाकरण की तैयारियों पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक बैठक की। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संचालित ड्राई रन का अनुभव लेते हुए, उन्होंने टीकाकरण प्रक्रिया के क्रियान्वयन में एक प्रभावी रणनीति अपनाने की बात कही। जिस पर तेलंगाना सरकार के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने कैबिनेट सचिव को बताया कि राज्य सरकार ने पूरे राज्य में टीकाकरण की सभी व्यवस्थाएं की हैं।
सोमेश कुमार ने कैबिनेट सचिव से अनुरोध किया कि टीकाकरण में पंचायत राज कर्मचारियों को शामिल किया जाए, क्योंकि काम के दौरान उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहता है। साथ ही जनप्रतिनिधियों को प्राथमिकता पर टीकाकरण के फस्र्ट फेज में शामिल किया जाए। बता दें कि तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री एटाला राजेंदर ने भी पिछले वीडियो कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से यही बात कही थी।
गौरतलब है कि देश में टीकाकरण प्रोग्राम 16 जनवरी से शुरू होगा। सबसे पहले वैक्सीन हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई जाएगी, जिनकी अनुमानित संख्या लगभग 3 करोड़ है। इसके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और इससे कम उम्र के उन लोगों को टीके लगेंगे जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों की संख्या करीब 27 करोड़ है। मालूम हो कि देश में कोरोना की स्थिति को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसमें टीकाकरण अभियान को शुरू करने पर फैसला लिया गया।