Sunday, September 22, 2024
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यूपी में लागू हुआ किराएदारी अध्यादेश, राज्यपाल ने अध्यादेश को दी मंजूरी


लखनऊ।
मकान मालिक और किराएदारों के बीच बढते विवादों पर नियंत्रण लगाने के लिए यूपी सरकार ने नगरीय किराएदारी विनियमन अध्यादेश 2021 बनाया है। जिस पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंजूरी की मुहर लगा दी है। इसी के साथ ही यूपी में यह अध्यादेश लागू हो गया है। इस अध्यादेश में ऐसी व्यवस्था है कि मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया नहीं बढ़ा सकेंगे। आवासीय पर पांच फ़ीसदी और गैर आवासीय पर सात फ़ीसदी सालाना किराया बढ़ाया जा सकेगा। किरायेदारों पर भी कुछ पाबदियां लगायी गयी है, जिससे मकान मालिक के अधिकारों का संरक्षण दिया जा सके। अध्यादेश लागू होने के बाद सभी किरायेदारी अनुबंध के आधार पर होगी।

प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने बताया कि राज्यपाल की मंजूरी मिलने के साथ ही सोमवार से प्रदेश में संबंधित अध्यादेश लागू हो गया है। गौरतलब है कि गत शुक्रवार को योगी कैबिनेट ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी।

बिना एग्रीमेंट के नहीं मिलेगा किराए पर घर

उत्तरप्रदेश में 48 वर्ष पुराने उत्तर प्रदेश शहरी भवन अधिनियम-1972 के स्थान पर लागू किए गए अध्यादेश के तहत लिखित करार (अनुबंध) के बिना अब भवन को किराए पर नहीं दिया जा सकेगा। करार के लिए भवन स्वामी और किरायेदार को अपने बारे में जानकारी देने के साथ ही भवन की स्थिति का भी विस्तृत ब्योरा तय प्रारूप पर देना होगा। इसमें दोनों की जिम्मेदारियों का भी उल्लेख होगा। आपको बता दें कि 1972 के अधिनियम में किराये पर देने, किराया और बेदखली विनियमन संबंधी नियम थे।


संशोधित अध्यादेश के मुताबिक एग्रीमेंट के दो महीने के भीतर मकान मालिक और किराएदार रूप से इसकी जानकारी ट्रिब्यूनल को देनी होगी। इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि अगर एग्रीमेंट एक साल से काम का है तो इसकी सूचना नहीं देनी होगी।

ट्रिब्यूनल का गठन

वैश्विक महामारी कोरोना काल में कई ऐसे मामले सामने आए जब मकान मालिक और किरायेदारों में विवाद देखने को मिले। लिहाजा योगी सरकार ने कानून में संशोधन किया और किरायेदारी के विवाद निपटाने के लिए रेंट अथॉरिटी एवं रेंट ट्रिब्यूनल की गठन की व्यवस्था की गई। एडीएम स्तर के जहां किराया प्राधिकारी होंगे। वहीं, जिला न्यायाधीश खुद या अपर जिला न्यायाधीश किराया अधिकरण की अध्यक्षता करेंगे। अधिकतम 60 दिनों में मामले निस्तारित किए जाएंगे।

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