Saturday, April 19, 2025
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450 करोड़ रुपए ठगी, 400 एफआईआर, फिर भी 4 साल से पुलिस की गिरफ्त से दूर ये बिल्डर

लखनऊ। लखनऊ पुलिस पिछले चार साल से एक रोहताश बिल्डर की तलाश नहीं कर पा रही है। जिस पर कि करीब 450 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप होने के साथ ही 400 से ज्यादा एफआईआर दर्ज है। इतना ही नहीं इस बिल्डर को लेकर रेरा के लगातार आदेश हैं। आपको बता दें कि रोहतास बिल्डर के खिलाफ 2016 से ही कई एफआईआर दर्ज हो गयी थी। लेकिन पुलिस की मेहरबानी से बिल्डर बचता रहा है। अब ऊपर की सख्ती के बाद पुलिस ने बिल्डर पर शिंकजा कसा है। उसके एमडी व सीएमडी को भगोड़ा घोषित किया है।

जानकारी के मुताबिक रोहतास बिल्डर ने राजधानी के 1950 आवंटियों से लगभग 450 करोड़ रुपए की ठगी की है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ( एनसीएलटी) की जांच में इतने बड़ी रकम की ठगी का खुलासा हुआ है। रोहतास के आवंटियों ने सबसे पहले रेरा का दरवाजा खटखटाया। रेरा चेयरमैन राजीव कुमार ने खुद सुनवायी की। बिल्डर के खिलाफ पांच आदेश किये। उस पर 3 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया। परियोजनाएं पूरी करने के लिए उसे समय भी दिया। बिल्डर ने रेरा का आदेश भी हवा में उड़ा दिया। उधर एफआईआर के बावजूद पुलिस ने बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे परेशान होकर बिल्डर की ठगी का शिकार लोग नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल पहुंचे।

बिल्डर के पास सुल्तानपुर रोड पर कई टुकड़ों में 45 एकड़ जमीन थी लेकिन उसने कागजों में 173 एकड़ जमीन दिखाकर लोगों को प्लाट बेच दिए। रायबरेली रोड पर उसके पास 50 एकड़ जमीन भी नहीं थी लेकिन 111 एकड़ में टाउनशिप का विज्ञापन देकर पैसा बटोरा। एनसीएलटी को पता चला है कि उसने पहले चरण में 1670 लोगों को प्लॉट आवंटित किया। इनसे चार अरब 5 करोड़ रुपए वसूले। हालांकि इसमें से एनसीएलटी ने वेरीफिकेशन के बाद 2 अरब 31 करोड़ रुपए बिल्डर के वसूलने की पुष्टि कर दी है। बाकी रकम खरीदारों ने बिल्डर को कैश में दी थी। 280 लोग और चिन्हित हुए हैं। इन लोगों ने रोहतास को करीब 50 करोड़ रुपए दिए।

बैंकों को भी 1.05 अरब रूपए का लगाया चूना

रोहतास बिल्डर ने बैंकों को भी चूना लगाया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिव्यूनल (एनसीएलटी) की रिपोर्ट से पता चला है कि उसने बैंकों से एक अरब 5 करोड़ रुपए लोन लिया था। जिसे चुकाया नहीं। बैंक भी बिल्डर के खिलाफ एनसीएलटी पहुंचे हैं।

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