नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस लगातार केन्द्र सरकार पर हमला कर रही हैं। नीति आयोग ने कृषि कानूनों से संबंधित जानकारी की अपील करने वाली अंजली भारद्वाज की आरटीआई को कथित रूप से खारिज कर दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इसे लेकर थिंक टैंक को आड़े हाथों लिया है। चिदंबरम ने सरकार के इस कदम को हैरानी भरा बताया।
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। चिदंबरम ने रविवार को ट्वीट किया, “कृषि पर ठकळक अं८ङ्मॠ की मुख्यमंत्रियों की समिति ने सितंबर 2019 में विचार-विमर्श किया और अपनी रिपोर्ट दी। 16 महीने बाद भी रिपोर्ट को अब तक नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल के सामने “प्रस्तुत” नहीं किया गया है! क्यों, किसी को नहीं पता और कोई जवाब नहीं देगा!”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस कारण का हवाला देते हुए, रिपोर्ट की एक प्रति के लिए अंजलि भारद्वाज के आरटीआई अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है! ऐलिस ने कहा होगा “जिज्ञासु और जिज्ञासु”। मैं अंजलि भारद्वाज को उनके तप और जानकारी हासिल करने की कोशिश को सलाम करता हूं।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम कृषि कानूनों को लेकर पहले भी सरकार पर कई बार हमला बोल चुके हैं। उन्होंने शनिवार को कहा, “फळक के जवाबों ने सरकार के झूठे दावों को उजागर किया है कि “फार्म कानून अध्यादेशों की घोषणा से पहले व्यापक विचार-विमर्श किया गया था”। सच्चाई यह है कि किसी से भी सलाह नहीं ली गई थी। विशेष रूप से, राज्य सरकारों से परामर्श नहीं किया गया था।”
उन्होंने कहा कि गतिरोध से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका सरकार को अपनी गलती स्वीकार करना और नए सिरे से बात शुरू करने के लिए सहमत होना है।