आमतौर पर देखने को मिलता है कि पहले के समय में सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही पैर में पायल पहनती थी। लेकिन आज के समय में अब पायल पहनना फैशन में आ गया है। चाहे वो लड़की हो या महिला सब ही अब पायल पहनने लगी हैं। कोई छोटी पहनती थी है तो कई बड़ी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पायल पहनना 16 श्रंगारों में से एक माना जाता है। आपने देखा होगा की सभी धर्मों की महिलाएं सजने-संवरने के लिए अपने पैरो में पायल और बिछुआ पहनती हैं। लेकिन सब महिलाएं चांदी की ही पहनती है लेकिन पैरो में सोना नहीं पहनती है।
क्या आपको पता है इसका कारण क्या है।चलिए आज हम बताते है कि आखिर महिलाएं पैरों में सोने की पायल क्यों नहीं पहनती है. इसका सबसे पहला कारण है कि पैरों में सोना पहनना गलत माना जाता है। क्योंकि इसके पीछे धार्मिक कारण भी है औऱ वैज्ञानिक कारण भी है।
साधारण बात है कि हिंदु धर्म में सोने को लक्ष्मी जी का प्रतिक माना जाता है। कोई भी शुभ काम में सोने को पूजा जाता है। इसलिये सोने में पैर नहीं लगाने की भावना से महिलाएं पैरों में सोना नहीं पहनतीं है। विज्ञान का कहना है की सोने के बने आभूषणों गर्म होती है। और चांदी के ठंडे होते है।
मानते है कि मनुष्य का पैर गर्म होना चाहिए और सिर ठंडा रहना चाहीए। इसलिए महिलाएं सिर पर सोना और पैरों में चांदी के गहने हीं पहनने चाहिए। अगर ऐसा करा जाए तो चांदी की ठंडक सिर में पहुचेगी और पैरों में गर्मी पहुचेगी।