लखनऊ। उत्तरप्रदेश सरकार ने बार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए और सरल कर दिया है। वहीं ट्रेन और क्रूज में विदेशी शराब की बिक्री की अनुमति दे दी है। अब बार का लाइसेंस आबकारी आयुक्त दे सकते हैं। बार लाइसेंस के बदले नियम में होटल, रेस्तरां, क्लब, बार और एयरपोर्ट बार लाइसेंसों की स्वीकृति शासन स्तर से नहीं मिलेगी।
अब शराब बिक्री का लाइसेंस की स्वीकृति मंडलायुक्त के स्थान पर अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बार समिति का गठन होगा। यूपी आबकारी (बार लाइसेंसों की स्वीकृति) नियमावली 2020 जारी की गई है, इसमें बार लाइसेंसों की स्वीकृति के संबंध में नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि यह कदम बार लाइसेंसों की स्वीकृति को आसान बनाने के लिए उठाया गया है।
कमिश्नर के बजाय डीएम को दी गई लाइसेंस देने का अधिकार
अभी तक बार लाइसेंस के लिए पहले जिलाधिकारी के पास आवेदन करना होता था। डीएम अपनी संस्तुति लगाकर इसे मंडलायुक्त को भेजते थे। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बार कमेटी गठित होती थी जिसमें मंडलायुक्त के अलावा आबकारी विभाग के उपायुक्त व क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल होते थे। यह समिति अपनी संस्तुति देने के बाद इसे आबकारी आयुक्त को भेजती थी। आबकारी आयुक्त अपनी संस्तुति देकर इसे प्रमुख सचिव आबकारी को भेजते थे। प्रमुख सचिव अपनी संस्तुति लगाकर इसे आबकारी मंत्री को भेजते थे और आबकारी मंत्री इसे स्वीकृति देते थे। नई व्यवस्था में बार कमेटी को समाप्त कर दिया गया है। जिलाधिकारी अब अपनी संस्तुति सीधे आबकारी आयुक्त को भेजेंगे और आबकारी आयुक्त इसकी स्वीकृति देंगे।
बार लाइसेंस के इन नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
बार लाइसेंस के लिए प्रस्तावित परिसर का क्षेत्रफल कम से कम 200 वर्ग मीटर व न्यूनतम 40 व्यक्तियों को एक साथ बैठने की क्षमता होनी चाहिए। पहले लाइसेंस के लिए प्रस्तावित परिसर में पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान होने की अनिवार्यता थी। अब प्रस्तावित परिसर के 500 मीटर के अंतर्गत निजी व सार्वजनिक पार्किंग भी मान्य है। ऐसे ही किसी मॉल या कांप्लेक्स की सामान्य पार्किंग सुविधाएं और वॉशरूम को बार की सुविधाओं के रूप में माने जाने का प्रावधान किया गया है, जहां बार स्थित है।
बार लाइसेंस स्वीकृत होने के सात दिन में आवेदक को लाइसेंस फीस का भुगतान करना होगा व 15 कार्य दिवस में प्रतिभूति धनराशि जमा करनी है। तय समय में लाइसेंस फीस व प्रतिभूति धनराशि जमा न होने पर लाइसेंस निरस्त हो जाएगा। जिला स्तरीय बार समिति की ओर से की गई कार्यवाही पर मंडलायुक्त को अपील की जा सकती है।