Sunday, November 24, 2024
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लोगों के लिए वरदान बना के.डी. हास्पिटल का नशामुक्ति केन्द्र

  • हर माह लगभग पांच सौ से अधिक मरीज हो रहे लाभान्वित
  • बुप्रेनोरफिन और नालट्रेक्सोन दवाएं सिर्फ के.डी. हास्पिटल में ही उपलब्ध


मथुरा। लम्बे समय से नशे की लत से परेशान लोगों को अब उपचार के लिए पंजाब और हरियाणा जाने की जरूरत नहीं है। ब्रज क्षेत्र में सेवाभाव का पर्याय के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर का नशामुक्ति केन्द्र उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है जोकि लम्बे समय से शराब, गांजा, भांग, ब्राउन शुगर, स्मैक, हेरोइन, अफीम, चरस, टेबलेट्स, सिलोचन, थिनर आदि नशीले पदार्थों की गिरफ्त में थे। यहां प्रतिमाह पांच सौ से अधिक मरीज हर तरह के नशे से छुटकारा पा रहे हैं।


के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर का नशामुक्ति केन्द्र लोगों को नशे से मुक्ति दिलाकर खुशहाल जिन्दगी जीने में मददगार साबित हो रहा है। इस केन्द्र की वजह से अब तक ब्रज मण्डल के हजारों लोग नशे का त्याग कर पुनः सफल जीवन जीने लगे हैं। ब्रज क्षेत्र में के.डी. हास्पिटल का नशामुक्ति केन्द्र ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत एकमात्र सेण्टर है। अफीम, स्मैक, हेरोइन, डोडा या इंजेक्शन से नशा करने के लती लोगों के उपचार के लिए बुप्रेनोरफिन और नालट्रेक्सोन दवाएं सिर्फ के.डी. हास्पिटल में ही उपलब्ध हैं।
इस केन्द्र की सफलता का मुख्य श्रेय विशेषज्ञ मनोचिकित्सक डॉ. गौरव सिंह, डॉ. श्वेता चौहान, डॉ. कमल किशोर वर्मा और नैदानिक मनोवैज्ञानिक (परामर्श चिकित्सक) सचिन कुमार गुप्ता तथा शिवराज सिंह राणा की टीम को जाता है। डॉ. कमल किशोर वर्मा की जहां तक बात है इन्होंने कृपा ड्रग डीएडेक्शन सेण्टर होशियारपुर (पंजाब) में दो साल सेवाएं दी हैं। डॉ. वर्मा के अनुभवों का लाभ फिलवक्त नशे की लत से परेशान ब्रजवासियों को लगातार मिल रहा है।

डॉ. वर्मा बताते हैं कि बुप्रेनोरफिन और नालट्रेक्सोन दवाएं के.डी. हास्पिटल के अलावा ब्रज क्षेत्र के किसी भी अन्य अस्पताल या नशामुक्ति केन्द्र में उपलब्ध नहीं हैं। डॉ. वर्मा का कहना है कि के.डी. हास्पिटल के नशामुक्ति केन्द्र में कम से कम पैसे में नशे के आदी व्यक्ति को हर तरह के नशे से छुटकारा दिलाया जाता है। इतना ही नहीं मरीज की समस्त जानकारी भी पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती है। इस केन्द्र में नशे के आदी मरीजों को दवाएं देने के साथ-साथ पीड़ित के परिजनों की भी काउंसिलिंग की जाती है। परिजनों को यह बताया जाता है कि पीड़ित व्यक्ति के साथ कैसा व्यवहार किया जाए। इतना ही नहीं इस केन्द्र में किसी भी तरह का नशा करने के आदी व्यक्ति को स्नेहपूर्ण माहौल में रखकर उसका मनोवैज्ञानिक तरीके से उपचार किया जाता है। आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि के.डी. हास्पिटल का मुख्य उद्देश्य पीड़ित व्यक्ति को कम से कम पैसे में अच्छा से अच्छा उपचार मुहैया कराना है।

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