बिजनौर। किसान पंचायत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया कि वह उनका साथ नहीं छोड़ेंगी। किसान ही उनकी जान और धर्म है।
बिजनौर में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा, ‘आप ने अब तक खूब भाषण और शायरी सुनी। मैं यहां भाषण देने नहीं, बातचीत करने आईं हूं। आप हमें बनाते हैं। हमें खड़े करने वाले भी आप हैं। हमारे और आप के बीच भरोसे का रिश्ता है। उन्होंने कहा, ‘मोदीजी को दो बार क्यों जिताया? इसलिए कि आपके लिए काम करेंगे। पहले चुनाव में रोजगार व्यापारी को बढ़ाने की बात हुई। फिर अगले चुनाव में किसान और बेरोजगारी की बात की।
मोदी सरकार ने किसानों से कहा था कि आय दोगुना करेंगे। असलियत यह है कि उनके राज में कुछ नहीं हुआ। कमाई दुगुनी हुई? गन्ने का दाम बढ़ाया? यूपी के किसान का बकाया 10 हज़ार करोड़ है। ये ऐसे प्रधानमंत्री है कि आपका बकाया पूरा नहीं किया। अपने भ्रमण के लिए दो हवाई जहाज़ खरीदे। 16 हज़ार करोड़ जहाज़ की कीमत है। जबकि 15 हज़ार करोड़ में देश के पूरे किसान का गन्ना किसान का पैसा लौटा सकते थे। 20 हज़ार करोड़ का संसद भवन है। किसान के लिए 15 हज़ार करोड़ नहीं। यही सरकार की नीयत है।
प्रियंका गांधी ने कहा, जिन्होंने आपको सत्ता दी उनका आदर कीजिए.. उनको अपमानित मत कीजिए। नेता अहंकारी हो जाता है। बार-बार हुआ है अहंकारी होता है तो देशवासी उसको सबक सिखाता है। वो शर्मिंदा होता है. तब समझता है उसका धर्म क्या था तब समझ आता है। जनता को सबसे पहले रखे।
माया में से निकले और उनके समझ में आए इनका धर्म क्या है। 7 साल में जो वादे किया पूरा नहीं किया। सिर्फ पूंजीपति मित्रों की मदद की। लगता नहीं आपकी मदद करेंगे। मुझे उम्मीद है आप अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे.. हम साथ हैं.कार्यकर्ता साथ है। मै साथ हैं। मेरा भाई राहुल गांधी साथ है। मैं आपका साथ नहीं छोडूंगी। मेरी जान, मेरा धर्म आप हैं।
प्रियंका ने कहा, ‘पहले कानून से जमाखोरी की पूरी अनुमति दे दी है। दूसरा कानून प्राइवेट मंडी..खरबपतियों की मंडियां खुलेगी। सरकारी मंडी में आपसे टैक्स..प्राइवेट में टैक्स नही। प्राइवेट मंडी जाएंगे..सरकारी मंडी धीरे धीरे बंद। न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता रहा है, वह भी मिलना बंद हो जाएगा। खरबपतियों की मनमर्जी चलेगी। तीसरे कानून में ठेके पर किसानी की बात..खरबपति आ सकता है आपके गांव में आप 10 -15 किसान हो। गन्ना उगाया..बेचने गए याद दिलाया कि 500 रु में खरीदेंगे। उस वक्त वो मना कर दे सबसे बड़ा जुल्म है कि तय कर लिया..वो कहता है अब नहीं लेंगे तो आपकी कोई सुनवाई नहीं होगी। अदालत नहीं जा सकते। उन्होंने कहा, जो अब तक बिके नहीं। बेच डालेंगे।