नई दिल्ली। देश की जेलों में अपने अपराधों की सजा काट रहे 4,78600 कैदियों में से 27.37 फीसदी ‘कखग’ लिखना नहीं जानते। इन 1,32,729 अनपढ़ कैदियों में से सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद है, जहां 31,927 कैदियों को अपना नाम तक लिखना नहीं आता है।
इतना ही नहीं जनसंख्या के हिसाब से देश का नंबर एक राज्य उत्तर प्रदेश जेलों में बंद कैदियों की संख्या के हिसाब से भी सबसे अव्वल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के डाटा के हिसाब से यूपी की जेलों में सबसे ज्यादा 1,01,297 कैदी सजा काटने के लिए बंद हैं।
मंत्रालय के मुताबिक, जेलों में बंद 1,98,872 कैदियों ने कक्षा 10 से कम, 1,03,036 ने कक्षा-10 से ज्यादा पर स्नातक से कम, 30,201 ने स्नातक डिग्री और 8085 कैदियों ने पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की है। कम से कम 5677 कैदी तकनीकी डिग्री या डिप्लोमा की योग्यता रखते हैं।
मंत्रालय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 31,927 अनपढ़ कैदियों के अलावा 36,390 ने कक्षा 10 तक, 21,269 ने स्नातक से नीचे, 8,151 ने स्नातक, 2,635 ने पोस्ट ग्रेजुएट और 925 ने तकनीकी डिग्री हासिल की है।
गृहमंत्रालय ने बताया कि पश्चिम बंगाल ने साल 2018 और 2019 में अपने यहां की जेलों का आंकड़ा केंद्र के साथ साझा नहीं किया है। इसके चलते बंगाल के 2017 के आंकड़ों को ही आधार बनाया गया है, जबकि महाराष्ट्र की तरफ से श्रेणीवार ब्योरा नहीं दिया गया है।