मथुरा। नाव चलाकर अपने परिवार का पालनहार बने सात साल के बच्चे को बाल कल्याण समिति ने आर्थिक सहायता दिलाने का भरोसा दिया है। नियो न्यूज पर प्रमुखता से विगत दिनों प्रसारित की गई खबर के बाद बाल कल्याण समिति ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किए जाएंगे।
यमुनापार के विशनगंज निवासी सात साल के बच्चे पर बचपन में ही अपने परिवार के भरणपोषण की जिम्मेदारी आ गई। बच्चे के पास न घर है। न ही आमदनी का कोई जरिया, नही पिता का सिर पर हाथ है। यह मासूम खेलने की इस उम्र में अपनी मां और अपने से छोटे चार भाई बहनों के भरणपोषण की जिम्मेदारी उठा रहा है। मूल रुप से आगरा के रहने वाले इस परिवार की जिम्मेदार सात साल का मासूम संभाल रहा है। इसकी खबर नियो न्यूज़ चैनल पर विगत दिनों प्रसारित की गई थी। जिसका बाल कल्याण समिति द्वारा संज्ञान लिया गया। समिति ने उस गरीब बच्चे के परिवार के लोगों से मुलाकात की और प्रति माह 2 हजार सरकार से मदद दिलाने का भरोसा दिलाया है।
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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Thursday, 18 February 2021
गुरुवार को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ अर्चना वाष्र्णेय ने ऐसे गरीब बच्चों के लिए चलाई जा रही योजना की जानकारी देते हुए बताया कि नियो न्यूज़ पर प्रसारित की गई बच्चे की खबर का संज्ञान लेते हुए बच्चे के परिवारिजनों को बुलाकर प्रत्येक माह दो हजार रुपए देने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजना के अंतर्गत ऐसे गरीब और भी बच्चों की मदद की जाएगी।
यह है सरकारी योजनाओं का कड़वा सच
काबिलेगौर बात यह है कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार निर्धनों के उत्थान के लिए घर, आर्थिक सहायता, रसोई गैस, राशन और जन धन के बैंक खाते खोलने से सहित सैकड़ों योजनाएं चल रही है। लेकिन बचपन में परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए खेलने की उम्र में संघर्ष बच्चे को सरकार की एक भी योजना छू तक नहीं गई। यानि इस नन्हे नाविक को और लाभकारी योजना तो छोड़ सरकार का राशन भी नसीब नहीं हुआ। यह है सरकारी योजनाओं का कड़वा सच।