Sunday, December 22, 2024
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हरिवंश महाप्रभु की प्राकट्य स्थली बाद गांव में कवियों ने चढ़ाए शब्द-सुमन

मथुरा। बाद गांव स्थित श्रीजी मंदिर में बुधवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों ने हरिवंश महाप्रभु को नमन कर राधा तत्व पर आधारित कविताएं प्रस्तुत की। भक्ति रस में पगी कविताओं को सुन भक्तजन भाव विभोर हो गए।

सम्मेलन का शुभारंभ श्रीजी मंदिर के महंत दम्पति शरण महाराज एवं कवियों ने दीप प्रज्वलन करके किया। गांववासियों ने भी महाप्रभु की प्राकट्य स्थली पर पुष्पांजलि अर्पित की। कवि सम्मेलन के शुरुआत में कवि अशोक अज्ञ ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कवि विनीत गौतम ने कविता “सन्नाटा छा गया बटवारे के किस्से में, जब माँ ने पूछा मैं हूँ किसके हिस्से में।” प्रस्तुत की। कवि गोपाल प्रसाद गोप ने राधा तत्व का विश्लेषण करते हुए कहा “ढूंढ़े ते मिल्यौ न अपनों सौ कोई, तो स्वयं राधा जी के रूप कूँ सजायौ है”…।


डीग से आए सुनील पाराशर ने कहा “शुक्ल माह बैसाख की तिथि एकादश नाम “जन्मे श्री हरिवंश जी बाद सहायौ ग्राम।” वहीं कवियित्री रेंनू उपाध्याय ने होली का गीत प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरीं। इसके बाद देवी प्रसाद गौड़ ने कहा “यह पुन्य पुनीता बाद गाँव की धरती है, इसके कंण-कंण में संतों की रुह बिखरती है, इन पेड़ों के पत्तों से लाला बाबा की तस्वीर उतरती है।”

कार्यक्रम को ऊंचाई देते हुए ओज के कवि उमाशंकर राही ने कुछ यूँ कहा “लिया जन्म मानव का इंसान बनकर जी, एक दिन को जी पहचान बन कर जी। लिया है जन्म भारत में सौभाग्य है तेरा, वतन की आन बनकर जी वतन की शान बन कर जी।”… कवि सम्मेलन को चर्मोत्कर्ष देते हुए डॉ. रमाशंकर पांडे ने कहा “पाप ताप प्रचंड है तो शीतल मंद बयार है, राधा भक्तों के प्राण अधार हैं तो श्याम का प्राण आधार है राधा। कवि सम्मेलन का समापन राकेश कौशिक की कविता से हुआ।

इस मौके पर राधावल्लभ बाबा, खेलन बिहारी मुखिया, बालो बाबा, तुलसीराम उपाध्याय, राधा वल्लभ पंडित, कल्याण लंबरदार, मुकेश उपाध्याय, चंदन तरकर, संजय पांडेय आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे। संचालन देवी प्रसाद गौड़ ने किया।

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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Thursday, 4 March 2021
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