Thursday, January 16, 2025
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होलाष्टक कब से लग रहे हैं, क्यों इन दिनों में नहीं होते शुभ कार्य, जानिए


होली से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं और होली जलने के बाद यह खत्म हो जाते हैं। इस दौरान भी कोई भी शुभ कार्य करना नहीं चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि तक की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है

इस बार होलाष्टक 22 मार्च से लग जाएंगे, जो 28 मार्च तक यानि होलिका दहन तक प्रभावी रहेेंगे। वहीं 29 माच्र को चैत्र प्रतिप्रदा के दिन रंगोत्सव मनाया जाएगा, जिसे धुलेंडी के नाम से भी जाना जाता है। होलाष्टक में होली के लिए लकड़ियां एकत्र की जाती है।

होलाष्टक को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। बताया जाता है कि राजा हिरण्यकश्यप ने इन दिनों में भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को बंदी बना लिया था और यातनाएं दी थीं और होलिका ने भक्त प्रह़्लाद को जलाने के लिए तैयारियां भी इसी दिन से शुरु की थीं। जिसमें खुद होलिका का दहन हो गया था। इसलिए होलाष्टक में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। होलाष्टक को लेकर एक और कथा मिलती है, जिसमें बताया गया है कि भगवान शिव ने फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि को कामदेव को भस्म कर दिया था, जिससे प्रकृति में शोक की लहर फैल गई थी और लोग शुभ कार्य करना बंद कर दिया था। इस वजह से भी होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हंै।

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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Saturday, 13 March 2021
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