वृंदावन। प्रभु श्री राम और भगवान श्री कृष्ण वास्तव में एक ही तत्व हैं, लेकिन अंतर सिर्फ इतना है की जहां एक ओर प्रभु श्री राम का चरित्र अनुकरणीय है तो वहीं दूसरी ओर भगवान नंदनंदन श्री कृष्ण का चरित्र अनुशरणीय है।
उक्त विचार यमुना तट निर्मित कुंभ नगर स्थित रसिया बाबा नगर में चल रही भक्तिरस वर्धिनी वार्ता सत्र में बोलते हुए चित्रकूट धाम से पधारे तुलसी पीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरु राम भद्राचार्य जी महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस बात के भी प्रमाण हैं कि भगवान श्री राम और श्री कृष्ण, दोनों ही सोलह कलाधारी पूर्ण पर ब्रह्म परमेश्वर हैं।
उन्होंने वृंदावन के महात्म्य को सर्वोत्कृष्ट बताते हुए कहा कि यहां भक्ति चिर यौवना रूप में निवास करती हैं, तो उसका कारण गोपी स्वरूपा आचार्य ही हैं। इससे पूर्व उन्होंने प्रभु श्री श्रीनाथ जी प्यारे की पूजा अर्चना भी की।
इस अवसर पर शरणागति परिवार के अध्यक्ष रसिया बाबा और सचिव शशिकांत भंडारी के अतिरिक्त वराह पीठाधीश्वर श्री रामप्रवेश दास महाराज, राधावल्लभ भक्तिरस रसिक रसिक माधव दास महाराज, तुलसी पीठाधीश्वर उत्तराधिकारी रामचंद्र दास महाराज, प्रदीप चौधरी, त्रिलोकी चौधरी, मुकेश सारस्वत, राजीव तिवारी, बॉबी हाथी वाले, कन्हैया अग्रवाल स्वीटी सुपारी वाले, अनिल अग्रवाल, बालकृष्ण अग्रवाल, शरणागति परिवार के प्रवक्ता देव द्विवेदी आदि सहित अनेकों भक्तगण उपस्थित रहे।
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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Tuesday, 16 March 2021