Thursday, January 16, 2025
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जी.एल. बजाज के छात्र मनीष रंजन के शोध का हुआ पेटेंट


मुद्रा सैनिटाइज़िंग मशीन और स्वच्छता के तरीके पर किया शोध


मथुरा। कोरोना संक्रमण से समूची दुनिया 2019 से परेशान है। मानव को संक्रमण से कैसे बचाया जाए इसके लिए सरकार और प्रशासनिक अमला ही नहीं बल्कि दुनिया भर के शोधार्थी भी कुछ न कुछ विशेष कर रहे हैं। इसी कड़ी में जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के छात्र मनीष रंजन ने मुद्रा सैनिटाइज़िंग मशीन और स्वच्छता के तरीके पर न केवल शोध किया है बल्कि इस शोध का पेटेंट भी कराया है।


मनीष रंजन के इस शोध का पेटेंट आठ जनवरी, 2021 में हुआ है। अपने इस शोध पर मनीष रंजन का कहना है कि जब समूची दुनिया महामारी से जूझ रही है, ऐसे में मेरा भी दायित्व था कि मैं कुछ ऐसा करूं जोकि समूची मानव जाति के लिए कल्याणकारी हो। मनीष रंजन अपने इस शोध के लिए जी.एल. बजाज संस्थान और उसके प्राध्यापक धीरज चौहान के सहयोग पर धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि मौजूदा समय में कोरोना संक्रमण सिर्फ वस्तुओं को छूने से ही नहीं बल्कि मुद्रा के आदान-प्रदान तथा कागजों के सम्पर्क में आने से भी इंसान को संक्रमित कर सकता है।


मनीष रंजन का कहना है कि मुद्रा के माध्यम से कोरोना संक्रमण एक मानव से दूसरे मानव में सहजता से पहुंच सकता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने मुद्रा सैनेटाइजिंग मशीन का न केवल आविष्कार किया बल्कि इसकी कोई नकल न कर सके इसके लिए इसका पेटेंट भी करा लिया। यह मुद्रा सैनेटाइजिंग मशीन एक समायोज्य उपकरण है। इस मशीन में हम मुद्रा को मुद्रा अनुभाग में रखते हैं और मुद्रा स्वचालित रूप से घर्षण फीडर तंत्र का उपयोग करके एक कक्ष से गुजरती है। यह चैम्बर एक-दूसरे के भीतर मुद्रा, बैंक चेक और ए-4 आकार के कागज के सभी वायरस और बैक्टीरिया को मारता है।

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मनीष रंजन का कहना है कि यह मुद्रा सैनेटाइजिंग मशीन 99.99% रोगाणु मुक्त मुद्रा, बैंक चैक तथा ए-4 आकार के कागजातों में कारगर साबित हुई है। यह सैनिटाइज़िंग मशीन मुद्रा की गणना भी करती है और डिस्प्ले बोर्ड पर मूल्य भी प्रदर्शित करती है।

आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने छात्र मनीष रंजन की इस शानदार सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसे बधाई दी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मनीष रंजन ने मुद्रा सैनेटाइजिंग मशीन पर शोध कर वाकई जनहित का कार्य किया है। यह मशीन सिर्फ बैंकों ही नहीं हर उस संस्थान के लिए फायदेमंद है जहां मुद्रा लेन-देन का कार्य होता है।

Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Tuesday, 23 March 2021

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