Sunday, November 24, 2024
Homeडिवाइन (आध्यात्म की ओर)ब्रह्मोत्सव: भगवान रँगनाथ स्वर्ण निर्मित सूर्यप्रभा की सवारी पर हुए विराजित

ब्रह्मोत्सव: भगवान रँगनाथ स्वर्ण निर्मित सूर्यप्रभा की सवारी पर हुए विराजित

वृंदावन। ब्रजधाम के ह्रदय स्वरूप वृंदावन में स्थित प्रमुख श्री रँगनाथ मंदिर में आयोजित ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन सूर्य प्रभा की सवारी निकली गई। प्रात: काल मंदिर से चली भगवान रँगनाथ स्वर्ण निर्मित सूर्यप्रभा की सवारी रँगजी के बगीचा पहुंची, कुछ समय विश्राम के पश्चात यह सवारी मंदिर पहुंची। जगह-जगह सवारी का भक्तों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।


भगवान सूर्य ब्रह्माण्ड में प्रकाश करते हैं लेकिन उनके अन्दर प्रभा प्रभु की ही है, क्योंकि नारायण उन सवितृ देव के मध्य विराजमान हो कर अपनी शक्ति से सूर्यदेव बनाये हैं। इस सवारी में बैठे भगवान के दर्शन करने से भक्तों के दृष्टि दोष दूर हो जाते हैं ।


सूर्य प्रभा पर विराजमान भगवान गोदा रँगमन्नार की सवारी निज मन्दिर से निकलकर बारहद्वारी स्थित मंडप के समक्ष पहुँची जहाँ स्वामी गोवद्र्धन रंगाचार्यजी के नेतृत्व में सस्वर पाठ किया गया। यहां से सवारी मन्दिर प्रांगड़ में भृमण करने के बाद सिंह द्वार से होते हुए बाहर निकली और फिर बड़े बगीचा पहुँची। स्थान स्थान पर भक्तों ने प्रभु की आरती उतारी और प्रसाद अर्पित किया। शास्त्रों के अनुसार दिव्यदेश में नित्य उत्सव की प्रधानता है।
श्री रँगजी मन्दिर में भी वर्ष पर्यंत 384 उत्सव होते हैं। इन उत्सवों के दर्शन कर भक्त वैकुण्ठ के वैभव का इस धरती पर अनुभव महसूस करते हैं। इन्हीं उत्सवों में से सबसे प्रमुख ब्रह्मोत्सव हैं। जिस के बारे में कहा जाता है कि यह उत्सव स्वयं ब्रह्मा द्वारा बनाया गया हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments