प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान की सीट आरक्षित करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के समक्ष यचिका पर राज्य सरकार की तरफ से आपत्ति की गई कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना राज्य चुनाव आयोग ने जारी कर दी है।
संविधान के अनुच्छेद 243 ओ के अनुसार चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद कोर्ट को चुनाव में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है इसलिए याचिका को खारिज की जाए। प्रदेश सरकार की इस दलील के बाद न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने गोरखपुर जिले के परमात्मा नायक व दो अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया।
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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Thursday, 1 April 2021
जिला पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर की गई याचिका पर शुक्रवार दो 2 अप्रेल को अवकाश के दिन भी मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनवाई की गई। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एचआर मिश्र, केएम मिश्र तथा राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता बिपिन विहारी पांडेय, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता संजय कुमार सिंह व स्थायी अधिवक्ता देवेश विक्रम ने बहस की।
याचिका में ये की गई थी मांग
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि गोरखपुर जिले में कोई भी अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति नहीं है। इसके बावजूद सरकार ने 26 मार्च 2021 को जारी आरक्षण सूची मे चावरियां बुजुर्ग, चावरियां खुर्द व महावर कोल ग्रामसभा सीट को आरक्षित घोषित कर दिया है। जो संविधान के उपबंधों का खुला उल्लंघन है। आरक्षण के रिकार्ड तलब कर रद्द किया जाय और याचियों को चुनाव लड़ने की छूट दिया जाय।