नई दिल्ली। मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पूर्ण स्वामित्व का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है, जिसमें कृष्ण जन्म भूमि को समझौते के जरिए मुसलमानों को देने को चुनौती दी गई है। आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पूर्ण स्वामित्व को लेकर मथुरा कोर्ट में भी कई मामले विगत मई माह से चल रहे हैं। अपील करने वाले लखनऊ, मथुरा के अधिवक्ता हैं।
सुप्रीम कोर्ट में की गई याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि हिंदुओं के साथ धोखा करके कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की संपत्ति बिना किसी कानूनी अधिकार के अनधिकृत रूप से समझौता करके शाही ईदगाह को दे दी गई जो कि गलत है। कोर्ट घोषित करे कि श्रीकृष्ण जन्म सेवा संस्थान की ओर से 12 अगस्त, 1968 को शाही ईदगाह के साथ किया गया समझौता बिना क्षेत्राधिकार के किया गया था, इसलिए वह किसी पर भी बाध्यकारी नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय में यह भी अपील की गई है कि श्रीकृष्ण सेवा संस्थान द्वारा बिना किसी अधिकार के कृष्ण जन्मभूमि और ट्रस्ट की संपत्ति को समझौते के जरिए मुसलमानों को दिए जाने और हिंदुओं से धोखा किए जाने की एसआईटी से जांच कराई जाए और सेवा संस्थान के सदस्यों के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया जाए।
साल 1944 में 13400 रुपए में जुगल किशोर बिड़ला ने खरीदी थी संपत्ति
प्राप्त जानकारी के मुताबिक साल 8 फरवरी,1944 को 13,400 रुपये में जुगल किशोर बिड़ला ने राय किशन दास और राय आनंद दास से ईदगाह, कटरा केशव देव और कारागार समेत सारी संपत्ति खरीदी थी। जमीन की रजिस्ट्री गोस्वामी गणेश दत्त, मदन मोहन मालवीय और भीकनलाल अत्री के नाम हुई। 1951 में जुगल किशोर बिड़ला ने कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट का गठन किया। उनका परिवार कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट का आजीवन ट्रस्टी है।