मथुरा। कोरोना ने जहां समाज के साथ अपनों से भी दूर कर दिया हो वहां एक बहन ने अपने कोरोन संक्रमित भाई का जीवन बचाने के लिए दिनरात एक कर दिए। जब कोरोना ने भाई की जिंदगी छीन ली तो बहन घर ही उसके शव के पास बैठकर रातभर रोती रही और इस दुनिया को छोडृ दिया। घर के लोग और समाज अवाक रह गया। परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। बहन के दो छोटे बच्चे भी हैं।
घर पर कोरोना संक्रमित भाई के शव के पास घंटों बैठी बहन की भी बीती रात मौत हो गई। जिससे परिवार में हा-हाकार मच गया है। शहर की गली कीलमठ निवासी बृजेश अग्रवाल एड. लुटिया वाले के कृष्णा नगर बैंक कॉलोनी निवासी साले 42 वर्षीय युवक की दो दिन पूर्व कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई थी।
रिश्तेदारों की बेरूखी से उसका शव घर में ही बैड पर घंटों पड़ा रहा। इसकी जानकारी जब अग्रवाल समाज के लोगों को हुई तो उन्होंने बमुश्किल उसका अंतिम संस्कार कराया। इस दौरान उसके शव के पास मृतक की मां और बहन मोहिनी घंटों रोते-बिलखते रहे। भाई की मौत से बहन को बड़ा झटका लगा, क्योंकि कई दिन से वह अपने भाई की जिंदगी को बचाने के लिए के लिए अस्पतालों में भटक रही थी।
इसी बीच 40 वर्षीय मोहिनी पत्नी बृजेश का स्वास्थ्य खराब हो गया। उसके जिला अस्पताल ले गये वहां से के.डी. अस्पताल रैफर किया। वहां बैड फुल होने पर उसे के.एम. हॉस्पीटल ले जाया गया। यहां उसकी उपचार के दौरान बीती सांय करीब साढ़े सात बजे मौत हो गई।
जवान भाई की मौत के बाद बहन की मौत ने सबको झकझोर कर रख दिया। मृतका के पति बृजेश अग्रवाल की आगरा होटल बंगाली घाट के समीप ढाल तलवार वाले हनुमान जी के पास दुकान है। बृजेश का रो-रोकर बुरा हाल है। उसका कहना है कि बुजुर्ग मां-बाप के साथ-साथ वह अपने दोनों बच्चों को कैसे पालेगा। उसकी तो दुनिया लुट गई। आज पूर्वान्ह ध्रूवघाट पर मोहिनी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।