Tuesday, April 22, 2025
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जिला न्यायाधीश ने गाइड लाइन की जारी, सभी अदालतों में निर्धारित की व्यवस्था

मथुरा। कोरोना महामारी के चलते जिला न्यायाधीश यशवंत कुमार मिश्रा ने मथुरा की सभी अदालतों में न्यायिक कार्य किए जाने के लिए गाइड लाइन जारी की है। इसमें सभी अदालतों में न्यायिक कार्यों के संचालन की व्यवस्था निर्धारित की गई है।

माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में दिनाँक 24.04.2021 के पश्चात न्यायालय संचालन की अवधि प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक होगी। जनपद न्यायालय मथुरा में दिनांक 24.04.2021 से न्यायालय जनपद न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एस.सी.एस.टी. एक्ट), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (ई.सी. एक्ट), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट), न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एन.डी.पी.एस एक्ट), मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिविल जज (सीनियर डिविजन) तथा सिविल जज (जूनियर डिविजन) न्यायालयों में मामलों की सुनवाई की जाएगी।

जमानत प्रार्थना पत्र, अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र तथा अन्य आवश्यक प्रार्थना पत्रों को दाखिल करने हेतु ईमेल [email protected] सृजित की गई है, जिसके माध्यम से अधिवक्तागण उक्त प्रार्थना पत्रों को दाखिल कर सकेंगे। उपरोक्त संचालित न्यायालयों द्वारा लंबित/नवीन जमानत प्रार्थना पत्र, लंबित और नवीन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र, आवश्यक आपराधिक प्रकीर्ण प्रार्थना पत्रों का निस्तारण, आवश्यक सिविल प्रार्थना पत्रों का निस्तारण जैसे व्यादेश के मामले, विचाराधीन बंदियों से संबंधित न्यायिक कार्य/रिमांड, ऐसे सभी मामले जिन्हें माननीय न्यायालय द्वारा समयबद्व सीमा के अंतर्गत शीघ्रता से निस्तारित करने हेतु निर्देशित किया गया है तथा अन्य ऐसे मामले जिन्हें जनपद न्यायाधीश एवं प्रधान न्यायाधीश (परिवार न्यायालय) आवश्यक/उचित समझें, के मामलों की सुनवाई जहां तक संभव हो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी।

अधिवक्ताओं, वादकारियों एवं अन्य स्टेक होल्डर द्वारा प्रेषित नवीन मामलों/प्रार्थना पत्रों (सिविल/क्रिमिनल) को प्राप्त करने हेतु न्यायिक सेवा केंद्र (केंद्रीयकृत फाइलिंग काउंटर) का प्रयोग किया जाएगा। ऐसे समस्त मामले/प्रार्थना पत्र को सी.आई.एस. पर पंजीकृत किया जाएगा तथा ऐसे प्रार्थना पत्रों एवं मामले पर अधिवक्ता/वादकारी का विवरण, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी उल्लेखित करना होगा। किसी प्रकार की त्रुटि होने पर संबंधित अधिवक्ता को सूचित किया जाएगा। जमानत/अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों की प्रति अभियोजन/डी.जी.सी. को प्राप्त कराई जाएगी। अभियोजन द्वारा अपना उत्तर प्रावधानों के अनुसार निर्धारित अवधि के अंतर्गत दाखिल किया जाएगा। ई-मेल से प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों को कंप्यूटर अनुभाग द्वारा डाउनलोड कर सूची तैयार कर संबंधित न्यायालय को प्रेषित की जाएगी।

न्यायालय कक्ष में केवल उन्ही अधिवक्ताओं को आने की अनुमति होगी जिनके वादों की सुनवाई होगी। न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों द्वारा मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा। प्रत्येक न्यायालय कक्ष के दरवाजे पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी तथा पेशकार, लिपिक आदि सामाजिक/भौतिक दूरी से संबंधित दिशानिर्देशों का अनुपालन करेंगे। केवल वही अधिवक्ता व वादकारी न्यायालय परिसर में आयें, जिनके केस मामले लिस्ट किए गए हो तथा जैसे ही उनके केस मामलों की सुनवाई पूरी हो जाती है वह न्यायालय परिसर को छोड़ दें। न्यायालयों के रीडर, लिपिक, अन्य कर्मचारीगण, अधिवक्तागण, तथा पक्षकारगण “सोशल डिस्टेंसिंग” के दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे तथा न्यायालय कार्य हेतु केवल 33 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।

न्यायालय की कार्यप्रणाली हेतु अधिवक्ताओं व वादकारियों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर पैनल अधिवक्ता अरशद हुसैन रिज़वी मोबाइल नंबर 7409781733 तथा पराविधिक स्वयंसेवकगण देवकीनंदन शर्मा मोबाइल नंबर 9837855330 लक्ष्मीकांत शर्मा मोबाइल नंबर 8630304693 से किसी कार्य दिवस में आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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