मथुरा। कोरोना जानलेवा साबित हो रहा है। कहीं ऑक्सीजन की किल्लत तो कहीं समय से उचित उपचार न मिल पाने के कारण लोगों की जान जा रही है। प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी के चलते कोरोना मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। जब तक कोविड हॉस्पीटल में मरीज को एंट्री मिलती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती और वह दम तोड़ चुका होता है। सरकारी आंकड़ों से करीब पांच गुना ज्यादा मथुरा के श्मशान स्थलों पर कोरोना संक्रमितों की चिंताएं जल रही हैं।
मथुरा जिले में नियो न्यूज ने कोरोना वायरस से जान गवां रहे लोगों की वास्तविक संख्या को लेकर पड़ताल की तो रौंगटे खड़े देने वाले तथ्य सामने आए। मथुरा जिले में एक नहीें दो नहीं बल्कि सरकारी आकंड़ों से कई गुना ज्यादा कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार हो रहे हैं। मथुरा के श्मशान घाट पर ही अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग चल रही हैं। लोगों को घंटों अपने व्यक्ति की अंत्येष्टि के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

अंतिम संस्कार का सामान बेचने वाले पंडित राधेश्याम ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना से पूर्व में 6 से 8 मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए सामान जाता था। लेकिन जब से वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर प्रारंभ हुई है तब से 30 से 35 मृतकों के लिए सामान जा रहा है जिससे 5 गुना मृत्यु दर बड़ी है।

वही हम बात करें मृतकों के अंतिम संस्कार करने का स्थान यानी श्मशान घाट स्थल की तो वहां पर भी अंतिम संस्कार करने के लिए लाइन लगी हुई है। श्मशान स्थल पर तैनात महेश अरोड़ा ने बताया कि आम दिनों के देखते हुए अब मरने वालों की संख्या 6 गुनी बढ़ गई है । अन्य बीमारियों से मरने वाले 10 या 12 लोग आते हैं तो वहीं कोरोना संक्रमण से मरने वाले 50 से 60 लोगों के शव श्मशान घाट पर आ रहे हैं। जबकि सरकारी आकड़ों के अनुसार पिछले सात दिनों में कोरोना से 10 लोगों की मौत हो हुई है। इनमें भी तीन कोरोना संक्रमितों की जान आज बुधवार को गई है। यह जानकारी कोविड के नोडल अधिकारी भूदेव सिंह ने दी।