जीएलए के प्रोफेसरों का शोध, आरसीसी बल्डिंग में लगने वाली सरिया को पर्याप्त कवर के साथ मजबूती भी देगा मल्टीपर्पस मैटेलिक कवर कीपर
मथुरा। आरसीसी बिल्डिंग के बीम और स्लैब्स (छत) में सरिया को पर्याप्त कवर देने के लिए तथा स्ट्रक्चर्स की मजबूती को लंबे समय तक बनाये रखने की दिशा में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के बीटेक सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसरों ने मल्टीपर्पस मैटेलिक कवर कीपर का अवष्किार किया है। इस अविष्कार का पेटेंट पब्लिश हो चुका है।
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा सिविल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अंकुर गुप्ता एवं डॉ. नकुल गुप्ता साथ ही इंजीनियर सौरभ दुबे ने आरसीसी स्ट्रक्चर्स को बनाने के दौरान सरिया को पर्याप्त कवर देने में आने वाली दिक्कतों से बचाव हेतु मल्टीपर्पस मैटेलिक कवर कीपर एक प्रोटोटाइप तैयार किया है, जिसका पेटेंट पब्लिश हो चुका है। प्रोटोटाइप के बारे में जानकारी देते हुए प्रोफेसरों ने बताया कि आरसीसी बिल्डिंग बनाने के दौरान सरिया को पर्याप्त कवर देने तथा सरिया को निर्धारित स्तर पर बनाये रखने के लिए कवर ब्लॉक्स की आवश्यकता होती है, जो कि वर्तमान में कंक्रीट, पीवीसी या प्लास्टिक के बने होते हैं। यह सभी उपकरण सरिया को उचित कवर प्रदान कर कंक्रीट को बीम या स्लैब के फर्मे में डालते वक्त सरिया को अपनी जगह रोके रखते हैं, लेकिन कंक्रीट के साथ मजबूत जोड़ नहीं बना पाते, जिसकी वजह से कुछ ही वर्षों में इन जोड़ों पर आरसीसी कमजोर पड़ जाती है, जिससे उसकी भार सहने की क्षमता में कमी आ जाती है।
उन्होंने बताया कि मैटेलिक कवर कीपर ना सिर्फ वर्तमान में मौजूद उपकरणों का कार्य करता है, बल्कि उसके अतिरिक्त बीम और स्लैब्स के लिए कई तरह से उपयोगी है। यह कंक्रीट के साथ सरिया के समान ही मजबूत जोड़ बनाता है। साथ ही सरिया को अलग-अलग स्तर पर बनाये रखता है। यह कवर कीपर बीम या स्लैब में शियर स्टेज्स को सहन करने की क्षमता भी बढ़ाता है। मल्टीस्टोरेएड बिल्डिंग में फाल्स सीलिंग को लगाने के लिए स्लैब के सीलिंग पोर्सन में ड्रिलिंग कर ऐंकर लगाए जाते है, जिसमें काफी समय लगता है तथा स्लैब की मजबूती को भी नुकसान पहुंचता है। यह मल्टीपर्पस कवर कीपर सीलिंग में ड्रिलिंग की समस्या को भी खत्म करता है।
इस कवर कीपर को जंग से बचाये रखने के लिए इसके ऊपर एंटी करोसिव पेंट की कोटिंग की जाएगी तथा बेस प्लेट के नीचे के हिस्से में लगे बोल्ट को डेकोरेटिव कवर से ढका जायेगा, जिससे सीलिंग का भी लुक खराब न हो और जंग से भी बचाव हो। प्रोफेसरों ने बताया कि इस प्रोटोटाइप के पेटेंट पब्लिश होने के बाद ग्रांट होने के लिए फाइलिंग कर दी है। ग्रांट होते ही इस प्रोटोटाइप को बाजार में आसानी से उतारा जा सकता है।
विभागीय पेटेंट पब्लिश होने के बाद विभागाध्यक्ष प्रो. सुधीर गोयल ने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने वर्तमान समय में हो रहे बिल्डिंगों, सड़कों आदि के विकास को देखते हुए विभिन्न तरीकों के प्रोटोटाइप शिक्षकों और छात्रों द्वारा तैयार किए गए हैं, जिनमें से कुछ पेटेंट पब्लिश हो चुके हैं और कुछ ग्रांट हो चुके हैं।
डीन रिसर्च प्रो. अनिरूद्ध प्रधान एवं एसोसिएट डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रतिदिन नए-नए रिसर्च करने की ओर अग्रसर है। इसके अलावा छात्रों को भी रिसर्च के प्रति आगाह कर रहा है। उन्होंने शिक्षकों को पेटेंट पब्लिश होने पर शुभकामनाएं दीं।