लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के हर जिले में सामुदायिक भोजनालयों के संचालन की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने मंगलवार को निर्देश दिए कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी के प्रबंधन की समीक्षा करते हुए कहा कि कोरोना कर्फ्यू के कारण कहीं भी किसी श्रमिक, ठेला, रेहड़ी व्यवसायी, दिहाड़ी मजदूर को भोजन की समस्या न हो, इसके लिए ‘सामुदायिक भोजनालयों’ के संचालन की आवश्यकता जताई है।
उन्होंने कहा “कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर से इस संबंध में आवश्यक प्रयास किए जाएं। औद्योगिक इकाइयों में भोजन का आवश्यकतानुसार प्रबन्ध रहे। कोई भी व्यक्ति भोजन के अभाव में परेशान न हो, इसे सुनिश्चित किया जाए।” योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए सरकार लगातार जरूरी कदम उठा रही है। वर्तमान में छह मई सुबह सात बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी है और इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं सतत जारी रखी जाएं।
मुख्यमंत्री ने घरों में रहकर इलाज करा रहे कोविड-19 संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था बनाते हुए आदेश दिए कि सभी जिलों में एक-एक ऑक्सीजन रीफिलर को घर में आइसोलेट मरीजों को आपूर्ति करने के लिए नामित किया जाए। अगर किसी मरीज के परिजन सिलिंडर रीफिलिंग के लिए प्रयासरत हों तो उनकी मदद की जाए। पुलिस द्वारा उनके किसी प्रकार के उत्पीड़न किये जाने की शिकायत न आये।
योगी ने कोविड बेड बढ़ाए जाने के सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि लखनऊ में एचएएल द्वारा 250 बेड का अस्पताल जल्द ही क्रियाशील ही जायेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां के लिए मानव संसाधन की व्यवस्था कराई जाए। इसी तरह लखनऊ और वाराणसी में डीआरडीओ के सहयोग से सभी सुविधाओं से युक्त नया कोविड अस्पताल भी तैयार किया गया है। केजीएमयू में 140 बेड और बढ़ाए जाएंगे। लखनऊ में ही कैंसर अस्पताल में विशेष कोविड डेडिकेटेड अस्पताल क्रियाशील हो रहा है।